-कई इलाके से लोग घर छोड़कर गए, सैकड़ों लोग रिश्तेदारों के घरों और होटल में गुजार रहे दिन

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PATNA: पटना में जलजमाव के 7वें दिन भी पानी निकलने की रफ्तार उतनी तेज नहीं हो पाई जितनी होनी चाहिए थी। ऐसे में पटनाइट्स अब पलायन करने को मजबूर हो रहे हैं। पानी में फंसे लोग बिजली, पानी सहित कई समस्याओं से जूझ रहे हैं। इस वजह से घर छोड़कर कहीं और ठिकाना बना रहे हैं। राजेन्द्र नगर, बाजार समिति और रामपुर के सैकड़ों लोग होटल और रिश्तेदारों की शरण में चले गए हैं। स्थिति यह है कि पटना के अधिकांश होटलों में जगह नहीं है। पानी में फंसे लोगों का हाल जानने के लिए दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम ने राजेन्द्र नगर से बाजार समिति तक बोट से मुआयना किया तो लोगों का दर्द सामने आया। प्रशासन के लाख प्रयास के बावजूद इलाके में 800 से अधिक लोग फंसे हुए है।

प्लीज! पानी की व्यवस्था करें

राजेन्द्र नगर के रोड नंबर 12 में पानी ज्यादा भरा होने की वजह से राहत सामग्री नहीं पहुंच रहा है। अपार्टमेंट में फंसे लोग हर आने-जाने वाले से कह रहे हैं, प्लीज पानी की व्यवस्था करा दीजिए। घर में पीने का पानी नहीं है। बिजली छह दिनों से नहीं आ रही है। मोबाइल भी चार्ज नहीं हो रहा है।

रोड नंबर 8 निवासी ममता देवी ने बताया कि मेरी बेटी पिछले तीन दिनों से बुखार से पीडि़त है। इलाज तो दूर की बात है। सरकार का कोई भी कर्मचारी यहां झांकने तक नहीं आ रहा है। समय रहते अगर समुचित इलाज नहीं कराया गया तो बेटी की जान खतरे में आ सकती है।

डॉक्टरों की टीम मुस्तैद

बीमार लोग किसी तरह राजेन्द्र नगर गोलंबर तक पहुंच रहे हैं। यहां तैनात डॉक्टर फॉर यू कीटीम तुरंत उनके इलाज में जुटी है। डॉक्टरों की मानें तो अब तक 1500 से अधिक लोगों का ट्रीटमेंट किया गया है। शुक्रवार को इंडोर में 21 लोगों का ट्रीटमेंट चल रहा था। वहीं, ओपीडी में 410 मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया।

सरकारी कैंप में दवा नहीं

राजेन्द्र नगर नेत्र चिकित्सालय की ओर से बाढ़ पीडि़तों की मदद के लिए राजेंद्र नगर गोलंबर पर लगाए गए मेडिकल कैंप में डॉक्टर तो दूर पर्याप्त दवा तक उपलब्ध नहीं है। सच्चाई जानने के लिए रिपोर्टर ने बुखार और खुजली की दवा मांगी तो वहां मौजूद कर्मचारियों ने डॉक्टर फॉर यू के शिविर में जाने की सलाह दी।

150 परिवार छोड़ चुका है अपना घर राजेंद्र नगर और बाजार समिति इलाके में चार से पांच फीट तक पानी भरा हुआ है। इस वजह से इस इलाके का जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। सात दिन से जल कैदी बने लोगों का सब्र अब टूटने लगा है। शुक्रवार सुबह से ही लोग अपनी जान बचाकर परिवार के साथ घर छोड़कर सुरक्षित स्थान पर जाने लगे हैं। 150 से अधिक परिवार जलजमाव वाले इलाका से निकलकर सुरक्षित स्थान पर चले गए हैं।

यहां आने वाले मरीजों का हमलोग लगातार इलाज कर रहे हैं। साथ ही जलजमाव से होने वाली बीमारियों से बचने के लिए क्या-क्या सावधानी बरतनी चाहिए, इसकी भी सलाह दे रहे हैं।

-रविकांत, डॉक्टर फॉर यू