हां- 16 फीसदी

नहीं- 53 फीसदी

इससे फर्क नहीं पड़ता- 31 फीसदी

इस सवाल का जवाब कई पॉलिटिकल पार्टीज और कैंडिडेटस के इलेक्शन का बजट घटा सकता है. मुंहमांगी रकम देकर बॉलिवुड, टीवी सीरियल्स या दूसरी फील्ड के स्टार्स को बुलाकर अपने फेवर में इलेक्शन कैम्पेन कराना आज लगभग सभी पॉलिटिकल पार्टीज और कैंडिडेट्स का शगल बन चुका है. उन्हें लगता है कि इससे वोटर्स, खासकर यूथ वोटर्स अट्रैक्ट होता है और स्टार पावर उन्हें जीतने में मदद कर सकता है. इसी सवाल को लेकर जब हम यूथ वोटर्स के पास गए तो उन्होंने टका सा जवाब दे दिया. तीन चौथाई से ज्यादा यानी 84 फीसदी यूथ ने कहा कि न तो वे इससे प्रभावित होते हैं और न ही उन्हें इससे कोई फर्क पड़ता है.

सर्वे में शामिल 53 फीसदी यूथ वोटर्स ने कहा कि वे सेलिब्रिटी कैम्पेन से जरा भी प्रभावित नहीं होते. वहीं 31 फीसदी ने कहा कि उन्हें इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि कौन सेलिब्रिटी किस कैंडिडेट के फेवर में इलेक्शन कैम्पेन कर रहा है.

सिर्फ 16 फीसदी की एक बहुत कम तादाद ने कहा कि सेलिब्रिटी कैम्पेन के कारण वे किसी कैंडिडेट के फेवर में ओपिनियन बनाते है. जाहिर है, ये आंकड़े थोड़ा चौंकाते हैैं. माना जाता है कि यूथ बॉलिवुड स्टार्स से काफी कनेक्टेड होते हैैं. वे उनके हेयर स्टाइल से लेकर कपड़े पहनने के तरीके तक सबकुछ फॉलो करते हैैं. लेकिन जब बात नेशन बिल्डिंग और डेमोक्रेसी में च्वॉइस की आती है, तो वही यूथ बॉलिवुड या किसी भी सेलिब्रिटी की कही बात या ओपिनियन पर नहीं जाता. वह इस मामले में एक इंडिपेंडेंट फैसला लेना चाहता है.

2. किसी सिटी के यूथ सेलिब्रिटी कैम्पेन से प्रभावित होते हैैं और किसके नहीं?

हां

सबसे ज्यादा इलाहाबाद-27 फीसदी

सबसे कम आगरा-8 फीसदी

कानपुर और मेरठ बराबर- 24 फीसदी

लखनऊ- 10 फीसदी

वाराणसी- 12 फीसदी

बरेली- 11 फीसदी

गोरखपुर- 10 फीसदी

नहीं

इलाहाबाद-40 फीसदी

आगरा- 60 फीसदी

कानपुर-45 फीसदी

लखनऊ-59

वाराणसी-62

बरेली- 58

मेरठ-47

गोरखपुर- 60

फर्क नहीं पड़ता

इलाहाबाद-33 फीसदी

आगरा-32 फीसदी

कानपुर-31 फीसदी

लखनऊ-31 फीसदी

वाराणसी-26 फीसदी

बरेली-31 फीसदी

मेरठ-29 फीसदी

गोरखपुर- 30 फीसदी

चुनावी मौसम में सेलिब्रिटीज से अपने फेवर में कैम्पेन कराने का मौका कोई भी पॉलिटिकल पार्टी गंवाना नहीं चाहती. लेकिन सर्वे में सभी सिटीज के यूथ ने एकमत से कहा कि सेलिब्रिटी कैम्पेन का उन पर कोई असर नहीं होता क्योंकि अपना कीमती वोट वे सिर्फ अपनी मर्जी से डालेंगे.

हालांकि सेलिब्रिटी कैम्पेन से प्रभावित होने वाले यूथ की तादाद सिटीवाइज फलक्चुएट कर रही है. मसलन बॉलिवुड के बादशाह अमिताभ बच्चन की नगरी के यूथ पर सेलिब्रिटी कैम्पन का असर सबसे ज्यादा होता है. यहां एक चौथाई से ज्यादा यानी 27 फीसदी यूथ ने कहा कि उन पर सेलिब्रिटी का जादू चलता है. कानपुर और मेरठ के यूथ भी सेलिब्रिटी से खुद को ज्यादा रिलेट करते दिखे और इन दोनों सिटीज के भी करीब एक चौथाई यानी 24 फीसदी यूथ वोटर्स ने इससे प्रभावित होने की बात मानी. इस मामले में मुहब्बत की निशानी वाली ताज सिटी आगरा के यूथ सबसे ज्यादा इम्यून हैं और यहां सबसे कम यानी 8 फीसदी यूथ ने ही कहा कि सेलिब्रिटी कैम्पेन उन पर असर डालता है. लखनऊ, वाराणसी, बरेली और गोरखपुर में यह आंकड़ा 10-12 फीसदी के बीच रहा. 

आइए अब समझते हैैं कि अलग-अलग शहरों में सेलिब्रिटी कैम्पेन से प्रभावित नहीं होने वाले यूथ की तादाद कैसी रही. आगरा, वाराणसी, गोरखपुर, बरेली और लखनऊ ऐसी सिटीज रहे जहां आधे से ज्यादा यानी तकरीबन 60 फीसदी यूथ वोटर्स ने कहा कि सेलिब्रिटी किसी कैंडिडेट के फेवर में क्या बोल रहे हैैं, इससे वो अपना ओपिनियन नहीं बनाएंगे. सिर्फ इलाहाबाद, कानपुर और मेरठ के यूथ अन्य सिटीज की तुलना में सेलिब्रिटीज से थोड़े ज्यादा ओबसेस्ड दिखे. यहां आधे से कम यानी सिर्फ 40-47 फीसदी यूथ वोटर्स ने कहा कि सेलिब्रिटी कैम्पेन का उन पर कोई असर नहीं होता.

एक इम्पॉर्टेंट टे्रंड इन सभी 8 सिटीज में कॉमन ये रहा कि सभी जगह करीब एक तिहाई यूथ वोटर्स ने कहा कि सेलिब्रिटी कैम्पेन से उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता. इन नतीजों को अगर हम कम्प्लीट पिक्चर में देखें तो पाएंगे कि सभी सिटीज में करीब तीन चौथाई से ज्यादा यूथ वोटर्स ने कहा कि सेलिब्रिटी कैम्पेन का या तो उन पर कोई असर नहीं होता या इससे उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता. ये आंकड़े पॉलिटिकल पार्टीज और कैंडिडेट्स को साफ सिग्नल दे रहे हैं कि सेलिब्रिटी को इलेक्शन कैम्पेन में उतारने से अब उनका काम नहीं चलने वाला. आज का यूथ वोटर सिर्फ काबलियत और काम के बेसिस पर उन्हें वोट डालने जा रहा है. 

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