-1990 से 2000 के बीच कहीं भी नौकरी करने वाले को लेबर मिनिस्ट्री से रकम मिलने का जालसाज दे रहे झांसा

-फॉर्म भरने के दौरान मोबाइल या सिस्टम में आ जाता है मालवेयर, फोन की हर एक्टिविटी पर हो जाती है जालसाजों की नजर

pankaj.awsthi@inext.co.in

LUCKNOW: ऐसे कर्मचारी या कामगार जिन्होंने वर्ष 1990 से 2000 के बीच कहीं नौकरी की है तो उन्हें भारत सरकार की लेबर मिनिस्ट्री द्वारा 1.20 लाख रुपये का लाभ का अधिकार है। आपका नाम लिस्ट में है ये चेक करने और लाभ लेने के लिये नीचे दिये गए लिंक पर क्लिक कीजिए' यह उस एसएमएस का मजमून है, जो आजकल कई लोगों के मोबाइल पर आ रहे हैं। ऐसा मैसेज मिले तो अलर्ट हो जाइये, इस पर रिएक्ट करके आपको 1.20 लाख रुपये तो नहीं मिलेगा लेकिन, मोबाइल पर वायरस जरूर पहुंच जाएगा। इसके बाद आपके मोबाइल फोन की हर एक्टिविटी पर जालसाजों की नजर रहेगी और वे अपने हिसाब से इसका दुरुपयोग कर सकेंगे।

बना डाली फर्जी वेबसाइट

एसएमएस पर दिये गए लिंक पर क्लिक करते ही मिनिस्ट्री ऑफ लेबर एंड इंप्लॉयमेंट की वेबसाइट खुल जाती है। पर, यह भारत सरकार के लेबर मिनिस्ट्री की असली वेबसाइट नहीं बल्कि, जालसाजों द्वारा बनाई गई असली वेबसाइट की हूबहू नकल है। दरअसल, इस वेबसाइट को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि कोई भी बारीकी से देखने पर भी उस पर शक नहीं कर सकता। वेबसाइट के होम पेज पर पहुंचते ही कंटीन्यू का बॉक्स दिखाई देता है।

फॉर्म भरते ही क्वालिफाई

जिस पर क्लिक करते ही एक फॉर्म खुल जाता है। फॉर्म में अपना नाम-पता और उम्र भरने के बाद पॉपअप आता है। जिसमें बताया जाता है कि आप 1.20 लाख रुपये के क्वालिफाई करते हैं। हालांकि, इसके लिये एक शर्त जोड़ दी जाती है कि इसे 20 अन्य लोगों को यह लिंक शेयर कीजिए। लिंक शेयर करते ही पॉपअप बताया जाता है कि आपको जल्द ही रकम भेजने की कार्यवाही कर दी जाएगी। इसके बाद फॉर्म भरने वाला रकम मिलने को लेकर निश्चिंत हो जाता है।

बॉक्स

वायरस का खेल

एथिकल हैकर और तमाम सुरक्षा एजेंसियों को साइबर क्राइम से निपटने के गुर सिखाने वाले सचिन गुप्ता बताते हैं कि यह मैसेज दरअसल, आम लोगों के मोबाइल में मालवेयर (वायरस) इंस्टॉल कराने का तरीका है। जैसे ही कोई शख्स इस असुरक्षित लिंक पर क्लिक करके फॉर्म भरता है तो इतनी देर में जालसाज जिस मोबाइल से यह लिंक क्लिक किया गया है, उसमें गुपचुप तरीके से मालवेयर इंस्टॉल कर देते हैं। यह मालवेयर मोबाइल में किसी भी आइकन की शक्ल में नहीं दिखता लेकिन, वह मोबाइल पर किये जाने वाली सभी एक्टिविटी को जालसाजों तक पहुंचाता है। इसमें आपकी ऑनलाइन बैंकिंग की डिटेल, वॉट्सएप, एसएमएस, कॉल लॉग, फोनबुक शामिल हैं। इसके बाद जालसाज इस डिटेल का अपने हिसाब से दुरुपयोग कर सकते हैं।

बॉक्स।

ध्यान दें-

-किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक न करें।

-बिना अप्लाई किये कोई भी लाभ सरकार नहीं देती है।

-सरकार के किसी भी विभाग द्वारा भेजे गए लिंक के अंत में डोमेन नेम द्दश्र1.द्बठ्ठ या ठ्ठद्बष्.द्बठ्ठ होता है।

-किसी भी तरह की ऑनलाइन ठगी होने पर साइबर क्राइम सेल में तुरंत शिकायत करें।

वर्जन

जालसाज लोगों को रकम दिलाने या अन्य लाभ दिलाने का झांसा देकर उनसे उनकी पर्सनल डिटेल हासिल कर लेते हैं या उनके मोबाइल पर मालवेयर इंस्टॉल कर देते हैं। जिसका दुरुपयोग होता है। ऐसे किसी भी लिंक पर कभी भी क्लिक नहंी करना चाहिये।

राहुल सिंह राठौर

प्रभारी, साइबर क्राइम सेल, लखनऊ