दो भारतीयों ने रखी नींव:
भारत में रेल की पटरी जगन्नाथ शंकरसेठ और जमशेदजी जीजीभाई ने बिछवाई थी। वहीं भारतीय रेल बजट को आम बजट से ईस्ट इंडिया रेलवे कमेटीके चेयरमैन सर विलियम एक्वर्थ ने पहली बार 1924 में अलग कराया था। आम बजट में रेल बजट करीब 70 फीसदी का हिस्सेदार था।

एशिया का बड़ा नेटवर्क:

आज भारतीय रेलवे एशिया के सबसे बड़े रेलवे नेटवर्क के रूप में जाना जाता है। इसके अलावा दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा नेटवर्क है जो एक ही मैनेजमेंट के अंडर में चल रहा है। आज 115,000 किमी के ट्रैक बनाए जा चुके हैं। हर दिन करीब 12,617 ट्रेनों पर 23 लाख यात्री सफर करते हैं।

सबसे हाई स्पीड ट्रेन:
2014 में प्रति घंटे 160 किलोमीटर पर चलाने के लिए एक सफल परीक्षण पूरा हुआ। वहीं इसके कुछ महीनों बाद फिर सेमी-हाई स्पीड ट्रेन गतिमान एक्सप्रेस का परीक्षण हुआ। जिसमें 90 मिनट में दिल्ली और आगरा के बीच यात्रा करने में सफलता मिली। इस दौरान करीब 30 मिनट की बचत हुई।

सबसे धीमी चलने वाली:

नई दिल्ली भोपाल शताब्दी इस समय सबसे तेज चलने वाली शताब्दी ट्रेन है। यह 150 किमी प्रति घंटे के हिसाब से फैजाबाद से आगरा पहुंचती है। इसके अलावा मेतुपलयम ऊटी नीलगिरी पैसेंजर ट्रेन देश की सबसे धीमी चलने वाली ट्रेन में है। यह 10 किलोमीटर प्रति घंटे के हिसाब से चलती है।

रिले रूट गिनीज बुक में:
लंबे रूट की वजह से भारतीय रेलवे गिनीज बुक ऑफ रिकार्ड में भी शामिल हो चुका है। नई दिल्ली के मेन स्टेशन के नाम दुनिया के सबसे बड़े रूट रिले  का नाम इसमे हैं। इसके इंटरलॉकिंग सिस्टम का रेकॉर्ड है। आज इन एक बड़ी संख्या में ट्रैफिक लोड है।

ट्रेन में टॉयलेट की स्थापना:
1909 में भारतीय रेलवे में टॉयलेट की शुरूआत हुई। सफर के दौरान यात्री ओखिल चंद्र सेन ने साहिबगंज रेल डिविजन ऑफिस को इस समस्या की ओर उनका ध्यान अवगत कराया। जिसके बाद ब्रिटिश शासन ने ट्रेनों में टॉयलेट की शुरूआत की।

पहली बार कंप्यूटरीकरण:
1986 में भारतीय रेल मंत्रालय ने जुलाई 1986 में कंप्यूटर पर भारतीय रेलवे की हर जानकारी और गतिविधि के लिए CRIS और ICRS की स्थापना की। इसके बाद से रेलवे कंप्यूटरीकरण की ओर काफी तेजी से बढ़ने लगा।

सबसे बड़े नाम वाला स्टेशन:
भारतीय रेलवे स्टेशन में सबसे छोटा नाम ओडिशा को Ib रेलवे स्टेशन हैं जो सिर्फ दो शब्दों का है। वहीं सबसे बड़े रेलवे स्टेशन के नाम के रूप में Venkatanarasimharajuvariipeta रेलवे स्टेशन है। इसमें कुल 29 अक्षर हैं।

सबसे पुराना भाप का इंजन:
दुनिया के सबसे पुराने स्टीम इंजन से चलने वाली 'फेयरी क्वीन' नई दिल्ली और राजस्थान के अलवर में चलती है। यह दुनिया का सबसे पुराना भाप वाला इंजन है। इस इंजन का नाम भी गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में शामिल हो चुका है। इसे अंतराष्ट्रीय स्तर पर हेरिटेज अवार्ड भी मिल चुका है।

111 जगह रुकती ये ट्रेन:

हावड़ा-अमृतसर एक्सप्रेस 111 स्टॉपेज पर रुकती है। इसके अलावा दुनिया का सबसे लंबा 1366.33 मीटर का प्लैटफॉर्म गोरखपुर में है। इसके अलावा भारतीय रेलवे दुनिया का 9वां सबसे बड़े एंप्लॉयर के रूप में भी जाना जाता है।

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