चरणबद्ध रूप में कार्य योजना का विस्तार

सरकार ने बताया कि इस पवित्र नदी के पुनरूद्धार पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. केंद्रीय जल संसाधन मंत्री ने कहा है कि इस सिलसिले में पर्यावरण एवं वन मंत्रालय, जल संसाधन मंत्रालय, नदी विकास और गंगा पुनरूद्धार मंत्रालय, शहरी विकास मंत्रालय, पर्यटन मंत्रालय, पोत परिवहन मंत्रालय और ग्रामीण मंत्रालय, गंगा की सफाई से जुड़े शिक्षा विदों, तकनीकी विशेषज्ञों तथा गैर सरकारी संगठनों के साथ विचारविमर्श किया जा रहा है. उन्होंने नरेश अग्रवाल के सवाल का लिखित में जवाब देते हुए बताया कि गंगा को पॉल्यूशन फ्री कराने की योजना के रिजल्ट के आधार पर सरकार देश की अन्य नदियों के लिए चरणबद्ध रूप में कार्य योजना का विस्तार कर सकती है.

कितनो को बंद करने के दिए निर्देश

गंगा नदी के इस मामले में ही पूछे गए एक सवाल के लिखित जवाब में जल संसाधन, नदी विकास और गंगा पुनरूद्धार राज्य मंत्री संतोष कुमार गंगवार ने बताया कि पर्यावरण एवं वन मंत्रालय ने 764 ऐसी इंडस्ट्रीयल यूनिट्स की पहचान की है जो 50.1 करोड़ लीटर पॉल्यूटेड वॉटर हर दिन गंगा और उससे मिलने वाली नदियों में डाल रही हैं. वहीं नेशनल गंगा रिवर बेसिन ऑथोरिटी (एनजीआरबीए) के तहत इन यूनिट्स का निरीक्षण किया गया. 165 इंडस्ट्रीज को निर्देश जारी किए गए हैं जिनमे से 48 को बंद करने के निर्देश दिए गए हैं.

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