मॉस्को (रॉयटर्स)। अमेरिका से शांति वार्ता फेल होने के बाद तालिबान अब रूस की शरण में पहुंचा गया है। बताया जा रहा है कि उसने अपना एक प्रतिनिधिमंडल मॉस्को भेजा है, जिन्होंने रूस के विशेष दूत जमीर काबुलोव से मुलाकात कर अफगानिस्तान मामले में शांति प्रक्रिया के हालिया घटनाक्रम पर चर्चा की है। तालिबान के प्रवक्ता मुहम्मद सोहेल शाहीन ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा, 'हमने मॉस्को में विशेष दूत जमीर काबुलोव से मुलाकात की है और उनसे अफगानिस्तान में शांति प्रक्रिया पर चर्चा हुई।' वहीं, रूस के विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि उनके देश का मानना है कि अमेरिका और तालिबान को फिर से बातचीत शुरू करनी चाहिए। इसी बीच, तालिबान के प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि वह अमेरिका से फिर से वार्ता शुरू करने के लिए तैयार हैं।

ट्रंप ने वार्ता रद करने का किया था ऐलान

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले हफ्ते तालिबान के साथ चल रही शांति वार्ता को खत्म कर दिया था। इस तरह का निर्णय उन्होंने अफगानिस्तान में तालिबान के हमले में एक अमेरिकी सैनिक की मौत के बाद लिया था। उन्होंने यह वार्ता ऐसे समय रद कर थी, जब दोनों पक्ष समझौते के आखिरी पायदान पर पहुंच गए थे। अमेरिका और तालिबान के बीच पिछले साल दिसंबर से कतर की राजधानी दोहा में शांति वार्ता चल रही थी।

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रूस यात्रा के पीछे ये था मकसद

कतर में तालिबान के एक वरिष्ठ नेता ने बताया, 'इस यात्रा का उद्देश्य इन देशों के नेताओं को यह बताना है कि ट्रंप ने ऐसे समय में शांति वार्ता रद की है, जब दोनों पक्ष सभी मसलों को हल करने को राजी हो गए थे और समझौते के करीब थे।' बता दें कि अफगानिस्तान में करीब 18 साल से खूनी संघर्ष चल रहा है और रूस लंबे समय से इसे खत्म कराने की कोशिश कर रहा है। इस मसले को खत्म कराने के लिए रूस तालिबान और अफगान नेताओं के बीच हुईं कई बैठकों की मेजबानी भी कर चुका है।

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