कानपुर। पूरी दुनिया समेत भारत भी कोरोनावायरस के खिलाफ जंग लड़ रहा है। हालांकि अन्य देशों की तुलना में भारत ने जो लड़ाई छेड़ी है, उसे डब्ल्यूएचओ समेत अन्य बड़े ग्लोबल ऑर्गनाइजेशंस ने भी सराहा है। इस दौरान केंद्र और राज्यों के बीच बेहतर कोआर्डिनेशन भी देखने को मिला है, जिसका नतीजा ये रहा कि हफ्ते दर हफ्ते कोरोना के केसेज में कमी देखने को मिल रही है। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट और प्रोक्सिमा कॉर्पोरेट सर्विस प्रा। लि। की कोविड-19 को लेकर की गई ज्वॉइंट एनालिसिस में कुछ ऐसा ही कॉनक्लूजन सामने आया है। इसके मुताबिक, पिछले हफ्ते कोरोना केसेज में 40 परसेंट तक की कमी दर्ज की गई है। यह कमी साबित करती है कि कोरोना महामारी पर भारत काफी हद तक कंट्रोल करने में सफल रहा है।

घटते गए केस

एनालिसिस में हफ्ते दर हफ्ते केसेज का एनालिसिस करने पर पाया गया कि 4 से 11 अप्रैल के बीच पॉजिटिव पेशेंट्स का ग्रोथ रेट 140 परसेंट था, जो 12 से 19 अप्रैल के बीच घटकर 77 परसेंट रह गया। महाराष्ट्र देश में कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य है, लेकिन यहां पर भी वीकली ग्रोथ 228 परसेंट से घटकर 107 परसेंट पर आ गई है। फिलहाल महाराष्ट्र काफी हद तक भारत के वीकली ग्रोथ रेट 86 परसेंट के करीब है।

29 जनवरी से 19 अप्रैल तक क्या हैं हालात

29 जनवरी को भारत में कोरोना का पहला कनफर्म केस सामने आया था। तब से लेकर 19 अप्रैल तक किए गए टेस्ट्स में कुछ दिलचस्प फैक्ट्स सामने आए हैं।

-04 परसेंट ही पॉजिटिव केस पाए गए कुल 3.7 लाख टेस्ट में

-33 राज्य और यूनियन टेरेटरीज कोविड-19 से अफेक्टेड हुए

-27 राज्यों और यूनियन टेरेटरीज में 5250 कम्फर्म केसेज पाए गए

-07 स्टेट्स में कोविड के मरीजों की संख्या सिंगल डिजिट में रही

-6 राज्यों, महाराष्ट्र, दिल्ली, गुजरात, राजस्थान, तमिलनाडु और मध्य प्रदेश में एक हजार से ज्यादा केसेज दर्ज किए गए हैं

-40 से 60 परसेंट ग्रोथ रेट में कमी देखी गई है इन राज्यों में पिछले हफ्ते कोरोना की

-04 परसेंट टोटल केसेज ही सामने आए हैं नॉर्थ-ईस्ट से कोरोनावायरस के

-40 परसेंट ग्रोथ रेट में कमी दर्ज की गई सेमी अर्बन और रूरल एरियाज में

कोविड-19 पर ऐसे मिलेगी जीत

पॉलिसीमेकर्स को स्ट्रैटेजी और एग्जिक्यूशन पर करना होगा रिव्यू, दैनिक जागरण आईनेक्स्ट और प्रोक्सिमा के ज्वॉइंट एनालिसिस में सामने आए कई अहम प्वॉइंट्स

कोविड-19 के मौजूदा ट्रेंड पर नजर डालें तो दस हजार से ज्यादा केसेज वाले दुनिया के 25 देशों में भारत इकलौता देश है, जिसने इस पर अपना नियंत्रण बनाए रखा है। हालांकि इस स्थिति को और बेहतर करने के लिए जरूरी है कि भारत अपनी स्ट्रैटेजी और एग्जिक्यूशन पर रिव्यू करे। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट और प्रोक्सिमा कॉर्पोरेट सर्विस प्रा लिमिटेड के ज्वॉइंट एनालिसिस में ऐसे कई प्वॉइंट्स सामने आए, जिन पर देश के पॉलिसीमेकर्स को गंभीरता से विचार करना होगा। आपको भी ये प्वॉइंट्स जानने चाहिएं।

1. बेंचमाक्र्स और मीजरमेंट्स

कोविड-19 की रफ्तार पर कमी के लिए मजबूत बेंचमार्क और मीजरमेंट सिस्टम बेहद अहम है। इस दिशा में पहला कदम मीजरमेंट ग्रोथ को एब्सोल्यूट वैल्यू से रिलेटिव वैल्यू में शिफ्ट करना है।

-इस समय सरकार को अपने खुद के बेंचमाक्र्स सेट करने होंगे और गोल से जुड़े मीजरमेंट्स को शार्प करना होगा। 2 हफ्ते में भारत में कोविड केसेज प्रति मिलियन पॉपुलेशन के लिहाज से 133 परसेंट बढ़े हैं। यह 6 प्रति मिलियन आबादी से बढ़कर 14 प्रति मिलियन आबादी तक पहुंच गई है।

-पिछले 2 हफ्ते में भारत में प्रति मिलियन मरने वालों की तादाद एक-तिहाई बढ़ी है। 2 हफ्ते पहले प्रति मिलियन आबादी पर यह 0.3 थी। अब यह 0.4 हो गई है।

-केरल ने हफ्ते दर हफ्ते 6 परसेंट की दर से रिकवरी रेशियो हासिल किया है, जो रिमार्केबल है। टॉप-10 अफेक्टेड स्टेट्स में लगातार 2 हफ्ते रिकवरी रेशियो के आधार पर लॉकडाउन से छूट मिले।

2. सेमी अर्बन और रूरल एरियाज में क्लोज मॉनीटरिंग

अर्बन एरियाज की तुलना में सेमी अर्बन और रूरल एरियाज में पब्लिक हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर काफी कमजोर है। ऐसे में सरकारी मशीनरी को चाहिए कि वह इन इलाकों में क्लोज मॉनीटरिंग करें और इंश्योर करें कि यहां कम से कम केसेज आएं।

3. प्राइवेट हॉस्पिटल्स को करें तैयार

कोविड-19 के ज्यादातर मरीजों का इलाज सरकारी अस्पतालों में हो रहा है। जरूरी है कि प्राइवेट हॉस्पिटल्स को भी चिन्हित किया जाए जो कोविड केयर सेंटर्स, कोविड हेल्थ सेंटर्स और कोविड हॉस्पिटल्स जैसी कैटेगरी में सरकार की मदद कर सकें।

-भारत सरकार के नोटिफिकेशन के अनुसार कोविड केयर सेंटर्स टेंपरेरी सेवा है। इसे हॉस्टल्स, होटल्स, स्कूल्स, स्टेडियम्स, लॉज में भी बनाया जा सकता है। राज्य सरकारों को अनिवार्य रूप से प्रत्येक डिस्ट्रिक्ट और तालुका में टेंपरेरी सेवाओं को आइडेंटिफाई करे और इन सेंटर्स पर लगातार सैनिटाइजेशन किया जाए, ताकि यहां कोविड पेशेंट्स का इलाज किया जा सके। सभी 10 मोस्ट अफेक्टेड स्टेट्स को इस प्रॉसेस को सेल्फ सर्टिफाई करना चाहिए।

-गाइडलाइंस के अनुसार, प्रत्येक कोविड हेल्थ सेंटर्स में एक बेसिक लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस होनी चाहिए, जिसमें सफीशिएंट ऑक्सीजन सपोर्ट हो ताकि गंभीर स्थिति में मरीज को हॉस्पिटल तक पहुंचाया जा सके।

4. महिलाओं और बच्चों का ट्रीटमेंट

महाराष्ट्र सरकार की रिपोर्ट के अनुसार 16 अप्रैल तक कोविड पेशेंट्स में 10 साल तक के बच्चे की संख्या 4 परसेंट थी। अगर भारत में केसेज की तुलना करें तो देश भर में दस साल तक उम्र के कुल 600 से ज्यादा केस दर्ज हुए हैं। जरूरी है कि पीडियाट्रिशियंस को कोविड-19 के ट्रीटमेंट की सही जानकारी दी जानी चाहिए।

-इसी तरह महाराष्ट्र सरकार की रिपोर्ट के अनुसार 41 परसेंट कोविड पेशेंट्स महिलाएं हैं। पूरे भारत में यह आंकड़ा 6500 से ज्यादा है। ऐसे में गायनेकोलॉजिस्ट्स को भी कोविड-19 के ट्रीटमेंट और मैनेजमेंट का सही तरीका पता होना चाहिए।

5. फिलहाल देश में पर्याप्त संख्या में पल्मोनोलॉजिस्ट, आईसीयू इंटेंसिविस्ट, एनस्थिएटिस्ट और अन्य हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स हैं। ये सभी प्लान बी का हिस्सा हो सकते हैं, अगर जरूरत पड़े तो इन सभी को इनको ट्रेन्ड करके कोविड पेशेंट्स के इलाज में लगाया जा सकता है। रेस्पिरेटरी स्पेशलिस्ट्स को कोविड हॉस्पिटल्स की कमान सौंपी जा सकती है।

डिस्ट्रिब्यूशन ऑफ कोविड केसेज

-33 स्टेट्स और यूनियन टेरेटरीज में पाए गए हैं कोविड केसेज।

-6 स्टेट्स में 1000 से ज्यादा कोविड केसेज पाए गए, जो भारत में टोटल कोविड केसेज का दो-तिहाई हिस्सा है। -इस हफ्ते महाराष्ट्र, तमिलनाडु, दिल्ली और राजस्थान जैसे राज्यों में बीते हफ्तों की तुलना में सबसे कम मामले सामने आए।

-गुजरात और मध्य प्रदेश में आने वाले हफ्तों में ग्रोथ रेट भारत की तेज रिकवरी के लिए की फैक्टर होगा।

-बाकी भारत (27 स्टेट्स और यूनियन टेरेटरीज) में महज एक-तिहाई कोविड केसेज सामने आए हैं।

-7 राज्यों में तो कोविड केसेज सिंगल डिजिट में ही रहे हैं।

भारत में सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य

महाराष्ट्र 3648

दिल्ली 1893

मध्य प्रदेश 1402

गुजरात 1376

तमिलनाडु 1372

राजस्थान 1351

बाकी भारत 4681

रीजनवाइज डिस्ट्रिब्यूशन

-दिल्ली और राजस्थान में मिले कोविड केसेज देश के नॉर्दर्न रीजन के कुल केसेज का 63 परसेंट हिस्सा हैं।

-वेस्टर्न रीजन में महाराष्ट्र का हिस्सा अकेले 56 परसेंट रहा है।

-साउथ में कुल केसेज का 60 परसेंट अकेले तमिलनाडु और तेलंगाना में है।

-ईस्ट और नॉर्थ-ईस्ट में भारत के कुल कोविड केसेज के सिर्फ 4 परसेंट केसेज आए हैं।

भारत में केस 15723

वेस्ट रीजन 6433

नॉर्थ रीजन 5108

साउथ रीजन 3588

ईस्ट रीजन 576

नॉर्थ ईस्ट 18

महाराष्ट्र का हाल

एज ग्रुप डिस्ट्रिब्यूशन

0-20 वर्ष: 12 परसेंट

20-60 वर्ष: 74 परसेंट

61 से 110 वर्ष: 14 परसेंट

मरने वालों का आंकड़ा

21-60 वर्ष: 55 परसेंट

61-110 वर्ष: 45 परसेंट

29 मार्च से 19 अप्रैल तक ग्रोथ रेट

पूरे देश में 1501

उत्तर प्रदेश 1312

वेस्ट बंगाल 1335

महाराष्ट्र 1697

ओडिशा 1933

गुजरात 2084

राजस्थान 2313

दिल्ली 2529

तमिलनाडु 2644

आंध्र प्रदेश 3074

मध्य प्रदेश 3495

-महाराष्ट्र का ग्रोथ रेट 16.97 परसेंट है, जो पूरे देश के ग्रोथ रेट (15.01) से भी थोड़ा ज्यादा है

-मध्य प्रदेश (3495) 133 परसेंट और आंध्र प्रदेश (3074) 105 परसेंट है पूरे देश के ग्रोथ रेट का

-ओडिशा का बेस वैल्यू काफी कम है। वहीं एब्सोल्यूट वैल्यू 3 से 61 पहुंच गई इस दौरान

-वेस्ट बंगाल (287) की एब्सोल्यूट वैल्यू अन्य राज्यों में जहां तेजी से कोविड केसेज आए हैं की तुलना में काफी कम है

हफ्ते दर हफ्ते ग्रोथ रेट

-हफ्ते दर हफ्ते एनालिसिस में भारत में कोविड केसेज इस हफ्ते घटकर 86 परसेंट पर आ गया, पिछले हफ्ते के 141 परसेंट के मुकाबले।

-गुजरात, दिल्ली, महाराष्ट्र, राजस्थान और तेलंगाना में हफ्ते दर हफ्ते इंप्रूवमेंट हुआ है।

-पिछले हफ्ते दिल्ली का ग्रोथ रेट 77 परसेंट परसेंट था, जो 4 से 12 अप्रैल के 140 परसेंट का करीब-करीब आधा है।

-राजस्थान का हफ्ते दर हफ्ते ग्रोथ रेट दो तिहाई कम हुआ है। यह ग्रोथ रेट 250 परसेंट था, जो 12 से 19 अप्रैल के बीच एक तिहाई रह गया, जो करीब 93 परसेंट होता है।

-महाराष्ट्र में हफ्ते दर हफ्ते ग्रोथ रेट आधा रह गया है। 4 से 12 अप्रैल के बीच ग्रोथ रेट 220 परसेंट था। वहीं, 12 से 19 अप्रैल के बीच यह 107 परसेंट रह गया।

-तेलंगाना में भी ग्रोथ रेट काफी कम हुआ। 12 से 19 अप्रैल के बीच यह 61 परसेंट पर था, जबकि 4 से 12 अप्रैल के बीच यह 225 परसेंट था।

-कर्नाटक में 4 से 12 अप्रैल के बीच ग्रोथ रेट 50 परसेंट बढ़ा, जबकि 12 से 19 अप्रैल के बीच यह 79 परसेंट था।

ब्लैक होल (अननोन कैटेगरी)

15 परसेंट कोविड केसेज भारत में अननोन कैटेगरी को रिफ्लेक्ट करते हैं। इसका मतलब ये कि पेशेंट लेवल की डिटेल्स अब भी स्टेट बुलेटिन में आना बाकी है।

-29 मार्च से 19 अप्रैल के बीच दिल्ली में 97 परसेंट और वेस्ट बंगाल में 91 परसेंट केस अननोन कैटेगरी में थे।

-एक बार पेशेंट लेवल डिटेल उपलब्ध होती है तो ग्रोथ रेट में भी बदलाव हो जाएगा।

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