सरकारी टेलीविज़न के अनुसार कर्दसा में सुरक्षाबलों ने 28 संदिग्ध 'चरमपंथियों' को हिरासत में लिया है.

ऑपरेशन शुरू होने के कई घंटों बाद भी सुरक्षाबलों को गोलीबारी से बचने के लिए सुरक्षित ठिकानों पर छुपना पड़ रहा है.

जुलाई में मोहम्मद मोर्सी को सत्ता से बेदखल किए जाने के बाद पिछले महीने, कर्दसा के एक पुलिस स्टेशन में 11 पुलिस अधिकारियों की हत्या कर दी गई थी.

सुरक्षाबलों के जवान गुरुवार को स्थानीय समयानुसार, सुबह साढ़े पांच बजे कर्दसा में दाखिल हुए. ऑपरेशन में हेलिकॉप्टरों की भी मदद ली जा रही है.

आक्रामक माहौल

सरकारी मीडिया के अनुसार चरमपंथियों के खिलाफ़ ऑपरेशन में एक पुलिसकर्मी की भी मौत हो गई.

मिस्र के गृह मंत्रालय के प्रवक्ता अब्द अल-लतीफ ने कहा, "गुरुवार सुबह हमने एक बड़ा सैन्य ऑपरेशन शुरू किया है... जिसमें हथियारबंद सेना के जवान, केंद्रीय सुरक्षा बल, विशेष सुरक्षा बल और गीज़ा सुरक्षा बल के जवान कर्दसा भेजे गए हैं. इनका उद्देश्य ख़तरनाक चरमपंथियों और आपराधिक प्रवृत्ति वाले लोगों को पकड़ना है."

कर्दसा में मौजूद बीबीसी संवाददाता क्विंटीन सोमरविल का कहना है कि सुरक्षाबलों के जवान और अज्ञात बंदूकधारियों के बीच भारी गोलीबारी हुई है, जो शहर के घरों और इमारतों में छुपे हुए हैं.

सोमरविल के अनुसार सुरक्षाबलों के जवानों को भी छुपना पड़ रहा है.

मिस्र: मुस्लिम ब्रदरहुड के 'गढ़' पर सेना का हमला

स्थानीय नागरिकों ने बीबीसी को बताया कि सुरक्षाबलों के जवान कर्दसा के घरों में मोर्सी के मुस्लिम ब्रदरहुड के सदस्यों की तलाश कर रहे हैं.

एक अन्य सरकारी टीवी चैनल के अनुसार कर्दसा में पुलिसकर्मियों की हत्या के लिए ज़िम्मेदार होने के आरोपी अहमद उवैस को भी गुरुवार को गिरफ़्तार किया गया है.

बीबीसी संवाददाता के अनुसार, पुलिसकर्मियों और सेना के जवानों के शहर में दाखिल होने से पहले शहर का माहौल काफ़ी आक्रामक था.

बुधवार रात को मोर्सी समर्थकों की रैली में हज़ारों लोग पहुंचे और मिस्र के सेना प्रमुख के ख़िलाफ़ नारे लगाए.

एक स्थानीय नागरिक गोमा मोहम्मद ने कहा, "मेरे बच्चे और मैं शहर छोड़ कर जा रहे हैं क्योंकि जब वो दुष्ट आकर हमारे घर के पीछे छुपेंगे तो हम सुरक्षित नहीं होंगे. हमें तब तक अपने रिश्तेदारों के पास जाकर रहना पड़ेगा जब तक स्थिति सामान्य नहीं हो जाती."

मिस्र की सरकार ने कर्दसा के पुलिस स्टेशन में हुए हमले पर कार्रवाई करने की बात कही थी.

सरकारी मीडिया के अनुसार, मिस्र के उप गृह सुरक्षा मंत्री सेजर जनरल अशरफ अब्दुल्लाह ऑपरेशन शुरू होने से कुछ ही समय पहले सुरक्षाबल के जवानों से मिले थे.

नमाज़ के बाद कार्रवाई

मिस्र: मुस्लिम ब्रदरहुड के 'गढ़' पर सेना का हमला

सुबह की नमाज़ के बाद, सुरक्षाबलों के जवान बख़्तरबंद वाहनों में सवार होकर शहर में दाख़िल हुए और मोर्चा संभाला.

मिस्र के गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने नाइल न्यूज़ को बताया, “कर्दसा में अभी भी छतों पर कई बंदूकधारी मौजूद हैं और हम उनसे मुक़ाबला कर रहे हैं.”

काहिरा में एक अलग मामले में, मेट्रो ट्रैक पर संदिग्ध बमों की मौजूदगी की वजह से कई मेट्रो ट्रेनों के मार्ग अवरुद्ध रहे.

ये बम दक्षिणी काहिरा के हिल्मीयत अल-ज़यतून स्टेशन के पास मिले.

हालांकि प्रारंभिक जांच के बाद ये नक़ली क़रार दिए गए.

मोर्सी को सत्ता से हटाए जाने के बाद से अब तक कम से कम एक हज़ार आम नागरिक और 100 पुलिसकर्मी मारे गए हैं.

सबसे खतरनाक घटना पिछले महीने काहिरा में घटी जब सुरक्षाबलों के जवानों ने प्रदर्शनकारियों को सड़कों पर से हटाने के लिए कार्रवाई शुरू की.

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