पीलीभीत के किसान है मनमोहन सिंह

उत्तर प्रदेश के पीलीभीत के गांव खजूरिया के किसान मनमोहन सिंह को एक दिन पता चलता है कि वह किंगफिशर जैसी नामी-गिरामी कंपनी के मालिक विजय माल्या के लोन गारंटर है। वह लोन गारंटर कैसे बने। किससे पूछकर उन्हें गारंटर बनाया गया। कब बनाया गया इसका जवाब खुद मनमोहन सिंह के पास भी नहीं है। मनमोहन सिंह ने बताया कि यह मामला तीन महीने से चल रहा है। करीब तीन महीने पहले जब मनमोहन सिंह बैंक ऑफ़ बड़ौदा में पैसा जमा करने पहुंचे तब उन्हें पता चला की उनका बैंक अकाउंट सीज़ हो चुका है।

किसान मनमोहन सिंह का खाता हुआ सीज

मनमोहन सिंह ने जब खाता सीज होने का कारण्ा पूछा तो बैंक मैनेजर ने कहा कि विजय माल्या नाम के किसी व्यक्ति के वह लोन गारंटर बने हैं जिसकी वजह से ऐसा हुआ है। बैंक को मुंबई ब्रांच से कोई मेल आया है कि गारंटर का खाता सीज किया जाए। मनमोहन सिंह का कहना है कि उन्होंने विजय माल्या का नाम कभी नहीं सुना है। न ही कभी वह किसी के लोन गारंटर बने है। बैंक मैनेजर ने बताया कि उसके हाथ में कुछ भी नही है। गारंटर का खाता सीज करने का यह मेल मुंबई से आया था। मनमोहन सिंह ने बताया कि वह लगभग रोज़ बैंक जाते हैं और पूछताछ करते हैं कि उनका अकाउंट चालू हुआ या नहीं। बैंक मैनेजर हर रोज़ सांत्वना देते हुए कह देता है कि खाता जल्दी चालू हो जायेगा।

4 हजार की रकम वाला है खाते का हुआ लोन गारंटर के लिए प्रयोग

मनमोहन सिंह ने बताया कि बैंक ऑफ़ बड़ोदा में उनके दो खाते हैं। एक खाते में चार हज़ार रूपये हैं। यही चार हज़ार की रकम वाला खाता ही लोन गारंटर के रूप में इस्तेमाल हुआ है। दूसरे अकाउंट में 12000 हज़ार रूपये हैं वह भी सीज हो चुका है। मनमोहन सिंह ने बताया की घर में शादी की वजह से उन्होंने खुद बैंक से चार लाख रुपये लोन लिए हैं। इस लोन को चुका कर वह और लोन लेना चाहते हैं। मनमोहन सिंह के घर का ख़र्चा खेती से निकलता है। उन्होंने बताया की मुंबई तो बहुत दूर की बात वह कभी लखनऊ भी नहीं गए है।  

गांव मे कोई नहीं जानता विजय माल्या कोन है

मनमोहन सिंह का कहना है सिर्फ वह नहीं उनके गांव में भी विजय माल्या को बहुत कम लोग जानते है। मनमोहन सिंह के बेटे ने बताया कि वह माल्या के बारे मे कुछ दिनों से ही सुन रहे हैं। टीवी और पेपर के जरिए उन्हें माल्या के बारे में पता चला है। मनमोहन सिंह के बेटे हरविंदर सिंह ने बताया कि मीडिया में रिपोर्ट आने के बाद उनको खबर मिली है कि अकाउंट चालू हो गया है। अभी-तक वह खुद बैंक जाकर इस बात की पुष्टि नहीं कर पाए हैं। बुध पूर्णिमा के वजह से शनिवार को बैंक में छूटी थी। अब सोमवार यानि 23 मई को वह जाकर पता करेंगे कि अकाउंट चालू हुआ या नहीं।

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