नई दिल्ली (आईएएनएस)। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष सौरव गांगुली ने पद संभालने के तुरंत बाद स्पष्ट कर दिया था कि घरेलू खिलाड़ियों की आय में सुधार उनकी प्राथमिकता होगी। अब जब कोरोना वायरस के चलते घरेलू खिलाडिय़ों के सामने आय का संकट खड़ा होगा, ऐसे में बीसीसीआई अधिकारियों को उनके वित्तिय संकट से जुड़ा फैसला जल्द लेना होगा। इस बात को क्रिकेट ऑपरेशन जीएम सबा करीब भी मानते हैं।

बीसीसीआई तय करेगी, क्या अच्छा है

सबा करीम ने कहा है कि पदाधिकारी तय करेंगे कि उनके लिए सबसे अच्छा क्या है। आईएएनएस से बातचीत में करीम कहते हैं, 'भारत में 2020-21 के घरेलू क्रिकेट सत्र की शुरुआत में अभी काफी समय है। चूंकि इस समय देश कोरोना वायरस के संकट से जूझ रहा है। इसलिए सभी योजनाएं फिलहाल टल गई हैं।' करीम ने कहा कि बोर्ड फिलहाल वेट एंड वॉच की नीति का पालन करेगा। अमूमन घरेलू सीजन अगस्त में दलीप ट्रॉफी के साथ शुुरु होता है। मगर कोविड-19 वायरस अभी तक नियंत्रण में नहीं आया है।

बोर्ड के पास कोई बैकअप प्लॉन नहीं

करीम की मानें तो बीसीसीआई अभी तक किसी भी बैक-अप योजना के साथ तैयार नहीं है क्योंकि यह सामान्य स्थिति में लौटने के लिए इंतजार करना चाहता है। करीम ने कहा है कि वे देखेंगे कि चीजें कैसे चलती हैं एक बार लॉकडाउन 3 मई को समाप्त हो जाएगा और उसके बाद सरकार से सलाह के अनुसार काम करना होगा। अभी तक, हमने कोई बैक-अप प्लानिंग नहीं की है। हम इस सीजन में अधिक से अधिक गेम खेलने के लिए अपने दृष्टिकोण में लचीले होंगे। लेकिन यह सब सरकार और दिशानिर्देशों पर निर्भर करता है।

संकट खत्म होने का इंतजार

रणजी फाइनल के चार दिन बाद शुरू होने वाला ईरानी कप, कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण अनिश्चित काल के लिए रोक दिया गया था।घरेलू सीजन के समय पर शुरू होने की उम्मीद कर रहे करीम ने कहा, "मैं वास्तव में इस समय कुछ भी नहीं कह सकता हूं। हमें लॉकडाउन के समाप्त होने का इंतजार करना होगा और इसके बाद सरकार की सलाह लेनी होगी। इसके बाद ही हम फैसला कर सकते हैं।"

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