भूटान पहुंचे प्रेसीडेंट मुखर्जी

भारत के राष्ट्रपति अपनी दो दिनों की भूटान यात्रा पर भूटान की राजधानी थिंपु पहुंच चुके हैं. गौरतलब है कि भारत की तरफ से 26 सालों के लंबे अंतराल बाद कोई राष्ट्रपति भूटान की यात्रा पर गया है. इसलिए दोनों देशों के लिए यह यात्रा महत्वपूर्ण है. इसके साथ ही भूटान नरेश जिग्मे खेसर नमग्येल वांगचुक और उनकी पत्नी का सभी राजकीय प्रोटोकॉल्स को तोड़कर प्रेसीडेंट मुखर्जी की अगवानी करने जाना भी इस यात्रा का महत्व बढ़ाता है.

संबंधों को मिलेगी नई ऊंचाईयां

राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी की भूटान यात्रा से दोनों देशों के बीच संबंधों के नई ऊचाईयों तक जाने की उम्मीद है. इस यात्रा में राष्ट्रपति की प्रणव मुखर्जी भूटान वांगचुक, पीएम शेरिंग तोबगे के अलावा अन्य कई नेताओं से मिलने की उम्मीद है. गौरतलब है कि इस मुलाकात में भारतीय राष्ट्रपति शिक्षा से जुड़े मुद्दे पर अहम समझौतों पर हस्ताक्षर कर सकते हैं. दरअसल भारत नालंदा विश्वविद्यालय को फिर से जीवित करने के लिए भूटान का सहयोग प्राप्त करने की कोशिश करेगा.

भारत से गए कई सारे डेलिगेट्स

राष्ट्रपति मुखर्जी के साथ भारत से एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधि मंडल आया है. इसमें रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा, बीजेपी नेता एवं सांसद मुख्तार अब्बास नकवी, अनिल शिरोले, महेंद्र नाथ पांडेय, गौरव गोगोई (कांग्रेस) गए हैं. इनके अलावा प्रेसीडेंट के साथ कुछ अहम एजुकेशनल एकेडिमीज और इंस्टीट्यूशंस के अधिकारी एवं प्रतिनिधि भी गए हैं.

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