-वृद्ध पिता सरयू सिंह कह रहे थे, कभी सोचा नहीं था कि बेटे के शव को कंधा दूंगा

AURANGABAD/PATNA: निर्भया कांड के औरंगाबाद नवीनगर के गुनहगार अक्षय सिंह ठाकुर का शव शनिवार सुबह उसके पैतृक गांव टंडवा थाना क्षेत्र स्थित करमा लहंग पहुंचा। अक्षय का शव देखते ही उसकी मां मालती देवी और पत्नी पुनीता देवी होश खो बैठीं। वृद्ध पिता सरयू सिंह कह रहे थे, कभी सोचा नहीं था कि बेटे के शव को कंधा दूंगा।

मेरा और बेटे का क्या कसूर

पत्नी रोते-रोते बेहोश हो जा रही थी और होश आने पर पति को खोज रही थी। पुनीता एक ही रट लगाए थी कि मैं भी बेटी हूं, मुझे भी जीने का हक है। मैंने और मेरे बेटे ने किसी का क्या बिगाड़ा था? अब हमारी ¨जदगी किसके सहारे कटेगी। इतना कहकर वह अपने बेटे प्रियांशु को गले लगाकर रोने लगती थी। उसका कहना था कि मेरे पति निर्दोष थे। पत्नी पुनीता देवी, बेटे प्रियांशु कुमार का रो-रोकर बुरा हाल था।

आठ वर्षीय बेटे ने दी मुखाग्नि

गांव से पूरब स्थित श्मशान घाट पर आठ वर्षीय पुत्र प्रियांशु ने अपने पिता अक्षय ठाकुर को मुखाग्नि दी। ज्ञात हो कि अक्षय की फांसी के बाद शुक्रवार से ही गांव में बाहरी व्यक्तियों व मीडियाकर्मियों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई थी। मीडिया द्वारा मामले को प्रकाशित-प्रसारित किए जाने से आक्रोशित ग्रामीणों ने गांव में मीडिया के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है। ग्रामीणों की भीड़ लगी रही।