-विधानसभा के शीतकालीन सत्र में एक दिन भी प्रश्नकाल नहीं चला

PATNA: शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन भी प्रश्नकाल हंगामे की भेंट चढ़ गया। विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने जैसे ही प्रश्नकाल आरंभ किए जाने की बात कही कि कांग्रेस के विधायक सूखे के सवाल पर पोस्टर लेकर वेल में आ गए। कांग्रेस की ओर से सूखे के सवाल पर ध्यानाकर्षण दिया गया था। कांग्रेस के वेल में आते ही उन्हें राजद विधायकों का साथ मिल गया। नारेबाजी और तेज हो गयी। भाकपा (माले) के विधायक पश्चिम चंपारण में गरीबों के सवाल पर वेल में आ गए।

जवाब सुनने की हिम्मत नहीं

विधानसभा अध्यक्ष ने हंगामा कर रहे सदस्यों से कई बार अपील की कि वे प्रश्नकाल चलने दें। इसी दौरान संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार भी उठे। उन्होंने कहा कि सरकार विपक्ष के सारे प्रश्नों का जवाब देने को तैयार है। विपक्ष में जवाब सुनने की हिम्मत नहीं है। विपक्ष के शोर के बीच ही संसदीय कार्य मंत्री अपनी बात करते रहे। आखिरकार विधानसभा अध्यक्ष ने विधानसभा की कार्यवाही भोजनावकाश तक के लिए स्थगित कर दी।

की विशेष बहस की मांग

विधानसभा की कार्यवाही आरंभ होने के पूर्व ही कांग्रेस और भाकपा (माले) के विधायकों ने अपने प्रश्न पर विधानसभा के बाहर पोस्टर के साथ प्रदर्शन किया। कांग्रेस का कहना था कि सरकार ने सूखे का ऐलान तो कर दिया है पर किसानों को राहत नहीं मिल रही है। इस मसले पर वह चर्चा कराना चाहते थे पर सरकार तैयार नहीं हुई। भाकपा (माले) की ओर से लाए गए कार्यस्थगन प्रस्ताव में यह कहा गया था कि पश्चिम चंपारण के चिउंटहा में प्रशासन के लोगों द्वारा विगत तीस वर्षो से गैरमजरूआ जमीन पर रह रहे 343 गरीब परिवारों को बेदखल किया जा रहा है। सदन में इस मुद्दे पर विशेष बहस होनी चाहिए। सोमवार से आरंभ हुए विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पांच दिनों में एक दिन भी प्रश्नकाल नहीं चला। प्रश्नकाल के समय ही सदन की कार्यवाही भोजनावकाश तक के लिए स्थगित हो जाने की वजह से न तो शून्य काल हुआ और न ही किसी

कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित

विधानमंडल के दोनों सदनों की बैठक आज अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गई। विधानमंडल का यह सत्र 26 नवंबर को शुरू हुआ था। पांच दिनों का यह सत्र विपक्ष के हंगामे की भेंट चढ़ गया। प्रश्नोत्तर, ध्यानाकर्षण, शून्य काल व बजट पर वाद विवाद नहीं हो सका। विपक्ष के हंगामे के कारण विधानमंडल के दोनों सदनों में कार्यवाही सौ मिनट भी नहीं चल पाई। सदस्य अपने सवालों के जवाब से वंचित रह गए.राजद के वरिष्ठ सदस्य अ?दुल बारी सिद्दिकी ने कहा कि सरकार भी नहीं चाहती थी कि सदन में राज्य की समस्याओं पर कोई चर्चा हो। स्पीकर ने भी कार्यमंत्रणा की बैठक बुलाने की जहमत नहीं उठाई।

विधान परिषद में भी हंगामा

विधान परिषद का शीतकालीन सत्र पूरी तरह हंगामे की भेंट चढ़ गया। शुक्रवार को अंतिम दिन भी प्रश्नकाल नहीं चला। अंतराल के बाद कार्यकारी सभापति ने सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित करने की घोषणा की। राजद सदस्यों ने मुजफ्फरपुर शेल्टर होम पर कार्य स्थगन की स्वीकृति को लेकर वेल में आकर हंगामा किया। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस के प्रेमचन्द्र मिश्र ने शेल्टर होम व सीतामढ़ी में एक अल्पसंख्यक को जलाने के मामले को उठाया। राजद के सुबोध कुमार ने कार्यस्थगन दिया था। कार्यकारी सभापति ने कहा कि तीन दिनों से एक ही विषय पर कार्यस्थगन दिया जा रहा है। उन्होंने सदस्यों से अंतिम दिन सदन की कार्यवाही में सहयोग का आग्रह किया। अंत में सभापति ने सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी।