PATNA: प्रोडिकल गर्ल को बिहार में टॉप कराने वाले टॉपर्स घोटाले के मुख्य आरोपी और चाचा बच्चा राय जल्द ही सलाखों से बाहर आएंगे। क्योंकि हाईकोर्ट ने जमानत दे दी है। हालांकि आरोप गठन होने तक बच्चा को जेल में रहना होगा। यह आदेश सोमवार को न्यायाधीश बिरेन्द्र कुमार ने अभियुक्त के वरीय वकील पीके शाही, बिहार इंटरमीडिएट काउंसिल के वरीय वकील ललित किशोर एवं अपर लोक अभियोजक अजय मिश्रा की बहस सुनने के बाद दिया।

साथ ही कोर्ट ने निचली अदालत को एक महीने के भीतर आरोप गठित करने का निर्देश दिया है। अगर निर्धारित अवधि में भी आरोप गठित नहीं किया जाता है तो अभियुक्त को क्0,000 के निजी मुचलके पर छोड़ना होगा। मालूम हो कि बच्चा राय 9 महीने से जेल में बंद हैं। उनके खिलाफ पिछले साल म् जून को कोतवाली थाने में मामला दर्ज किया गया था। बच्चा राय के बिशुनदेव राय कॉलेज, वैशाली की छात्रा रूबी राय ने पूरे प्रदेश में टॉप किया था।

बच्चा के खिलाफ ये तथ्य

अपर लोक अभियोजक अजय मिश्रा ने केस डायरी के आधार पर अदालत के सामने कई गंभीर तथ्य रखे। उन्होंने कहा कि बच्चा राय के वैशाली स्थित कॉलेज की कॉपियों की जांच के लिए अलग व्यवस्था की गयी थी। जबकि वैशाली के सारे कालेजों की कॉपियों की जांच आरा में कराई गई थी।

किसके क्या थे तर्क

अभियुक्त 9 महीने से जेल में बंद हैं। इस मामले में कुछ आरोपियों को जमानत भी मिल चुकी है। निकट भविष्य में ट्रायल समाप्त भी नहीं होने वाला है। ऐसे में कितने दिनों तक अभियुक्त को जेल में रहना पड़ेगा। इस आधार पर अभियुक्त को जमानत दिया जाए।

-पीके शाही, वरीय अधिवक्ता, बच्चा राय

ये इस घोटाले का किंगपिन हैं। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद सिंह एवं सचिव हरिहर नाथ झा इनके मोहरे थे। इनके खिलाफ एसआईटी को काफी साक्ष्य मिले हैं। अभियुक्त के घर से क्0 लाख रुपए नकद भी बरामद किये गए थे। इनके निवास से ही अध्यक्ष एवं सचिव की मोहर भी मिली थी।

ललित किशोर, वरीय अधिवक्ता, बिहार बोर्ड

बिहार बोर्ड के पास मामले में अब कुछ अधिक करने लायक नहीं है। मामला कोर्ट में चल रहा है। फिर भी मैं देखता हूं कि हम इस मामले में क्या कर सकते हैं जिससे आरोपियों के खिलाफ केस मजबूत हो और कानून की मदद से उन्हें सजा भी दिलाई जा सके।

- आनंद किशोर, चेयरमैन, बिहार स्कूल एग्जामिनेशन बोर्ड