- बीजेपी की महिला एमएलए ने धक्का-मुक्की का लगाया आरोप

- आरजेडी की महिला एमएलए ने कहा मुझे भी लगी चोट

- हंगामे के बीच दो विधेयक पारित, स्पीकर पर पक्षपात का लगाया आरोप

PATNA : विधानसभा में मंगलवार जमकर हंगामा हुआ। प्रश्नकाल में सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों के सदस्य वेल में पहुंचकर नारेबाजी कर रहे थे। कांग्रेस के एक बुजुर्ग सदस्य रामदेव राय रिपोर्टर टेबल पर चढ़ गए थे, जबकि राजद के अत्री मुनि भी रिपोर्टर टेबल चढ़कर नारेबाजी की। एक महिला सदस्य कुर्सी पर चढ़ गईं। वेल में धक्का-मुक्की का नजारा भी कुछ पल दिखा। दोनों पक्ष के विधायकों में इस बात की होड़ थी कि किसी तरह वेल में जगह मिले। इस शोर-शराबे में विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने प्रश्नकाल को बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दिया। बारह बजे विधानसभा की कार्यवाही आरंभ होने के पहले ही भाजपा के लोगों ने वेल में कब्जा कर लिया था। नारेबाजी और शोर-शराबे के बीच विधानसभा अध्यक्ष को पुन: विधानसभा की कार्यवाही को भोजनावकाश तक के लिए स्थगित करना पड़ा।

दूसरी पाली में भी जमकर हंगामा हुआ। स्थिति तब और बिगड़ गई जब सदन के बाहर निकलते ही भाजपा विधायक गायत्री देवी ने आरोप लगाया कि राजद के सदस्यों ने उनके साथ धक्का-मुक्की की है, जिसमें उनकी चूडि़यां टूट गई और उन्हें चोट आई। भाजपा के सदस्य फिर विधानसभा अध्यक्ष के चेंबर के सामने धरना पर बैठ गए और नारेबाजी करने लगे। महागठबंधन के विधायक भी वहां पहुंच गए और जवाबी नारेबाजी करने लगे। राजद की महिला विधायक प्रेमा चौधरी और अजेया यादव ने कहा कि हंगामे में उनके भी चोट आई है। भाजपा सदस्यों ने उनके साथ धक्का-मुक्की की है। दोनों ओर से नारेबाजी का यह सिलसिला करीब आधे घंटे तक चला।

प्रश्नकाल से शुरू हुआ हंगामा

विधानसभा में प्रश्नकाल जैसे ही शुरू हुआ कि जदयू के श्याम रजक ने नोटबंदी और काला धन के सवाल पर कुछ कहने की कोशिश की। इस पर भाजपा के एक-दो सदस्य सूबे में हाल के दिनों में हुई हत्या और उसकी जांच की मांग का पोस्टर लेकर वेल में आ गए। इतने में ही जदयू, राजद और कांग्रेस विधायक पूरे समूह में वेल में आ गए और जोर-जोर से नोटबंदी की वजह से उत्पन्न परेशानी, भाजपा द्वारा जिलों में दफ्तर के लिए जमीन की हुई खरीदारी और काला धन का मसला उठाकर नारेबाजी करने लगे। पक्ष और विपक्ष दोनों ने वेल में जमकर नारेबाजी की। इसी क्रम में कांग्रेस के रामदेव राय कांग्रेस के बुजुर्ग विधायक झंडा लेकर रिपोर्टर टेबल पर चढ़ गए। राजद के अत्री मुनि ने भी ऐसा ही किया।

विधानसभा का कार्यवाही बामुश्किल पांच मिनट के अंदर बारह बजे तक के लिए स्थगित हो गयी। बारह बजे जब विधानसभा की कार्यवाही फिर से शुरू होती कि उसके पांच मिनट पहले से ही भाजपा ने वेल पर कब्जा कर लिया और विधानसभा अध्यक्ष के पहुंचने के पहले ही नारेबाजी करने लगे। विधानसभा अध्यक्ष ने कुछ ही मिनटों में सदन को भोजनावकाश तक के लिए स्थगित कर दिया। दूसरी पाली में भी हंगामा जारी रहा। सदन की कार्यवाही आरंभ होते ही भाजपा के सदस्य राज्य में कानून-व्यवस्था बिगड़ जाने का आरोप लगाते हुए वेल में आ गए। तुरंत बाद नोटबंदी के खिलाफ नारेबाजी करते हुए राजद और कांग्रेस के सदस्य भी वेल में आ गए। उनके पीछे-पीछे जदयू के विधायक भी वेल में आ गए। वे भाजपा कार्यालय के लिए जमीन खरीद में काला धन के इस्तेमाल का आरोप लगा रहे थे। हंगामे के बीच ही सदन में दो विधेयक पारित हुए।

राजद विधायक के खिलाफ भाजपा ने की शिकायत

नेता विरोधी दल डा। प्रेम कुमार यादव ने विधानसभा अध्यक्ष से मिलकर शिकायत दर्ज कराई। अध्यक्ष ने कहा कि बुधवार सुबह दस बजे उन्होंने सर्वदलीय बैठक बुलाई है, जिसमें वह इस मामले पर सबके साथ विमर्श करेंगे। सर्वदलीय बैठक की घोषणा के बाद भाजपा सदस्यों ने करीब पौने घंटे बाद अपना धरना समाप्त किया। बाद में प्रेम कुमार ने कहा कि राजद विधायक भोला यादव और कांग्रेस के सदस्यों के खिलाफ सदन को कार्रवाई करनी चाहिए। निंदा प्रस्ताव आना चाहिए।

दो विधेयक पारित

इससे पूर्व विधानसभा की दूसरी पाली में हंगामे के बीच ही दो विधेयक पारित किए गए। यह दोनों विधेयक- बिहार वित्त सेवा(चयन द्वारा नियुक्त) (निरसन) विधेयक-ख्0क्म्' और 'बिहार राज्य फुटपाथ विक्रेता (जीविका संरक्षण एवं व्यापार विनियमन) (निरसन) विधेयक-ख्0क्म्', पुराने कानून को निरस्त करने संबंधी थे। पहला विधेयक वाणिज्य कर मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने पेश किया जबकि दूसरा विधेयक नगर विकास मंत्री महेश्वर हजारी द्वारा प्रस्तुत किया गया।