PATNA : एक के बाद एक बिहार सरकार के फैसलों का विरोध शुरू हो गया है। पहले बीएसएससी मामले में आईएएस एसोसिएशन ने नीतीश सरकार के निर्देश पर बनाए गए एसआईटी के द्वारा सुधीर कुमार की गिरफ्तारी का विरोध हुआ। इसके बाद क्ब् जनवरी को हुए नाव हादसे की रिपोर्ट आते ही सरकार ने सोनपुर के एसडीएम और एसडीपीओ को दोषी माना और दोनों को सस्पेंड कर दिया। एसडीएम पर कार्रवाई को लेकर बिहार प्रशासनिक संघ पहले ही कड़ा एतराज जता चुका है। लेकिन अब सरकार के फैसले के खिलाफ बिहार पुलिस सर्विस एसोसिएशन खड़ा हो गया है। एसोसिएशन ने सोनपुर के एसडीपीओ मो। अली अंसारी पर हुए निलंबन के कार्रवाई का कड़ा विरोध किया है। इसी के मद्देनजर एसोसिएशन की ओर से सोमवार को एक इमरजेंसी मीटिंग बुलाई गई है। जिसमें संगठन से जुडे़ सभी मेंबर मौजूद होंगे।

- व्यवस्था में थी कमी

नाव हादसा व्यवस्था में कमी की वजह से हुआ था। एसोसिएशन का साफ तर्क है कि पुलिस का काम लॉ एंड ऑर्डर को देखना है। सोनपुर के सबलपुर में न तो लॉ एंड ऑर्डर बिगड़ा था और न ही इसके वजह से हादसा हुआ था। हादसे की मुख्य वजह व्यवस्था में हुई कमी है। व्यवस्था का जिम्मा प्रशासनिक अधिकारियों के पास होता है न कि पुलिस के पास।

- सार्वजनिक हो रिपोर्ट

बड़े अधिकारियों पर सरकार ने कार्रवाई के नाम पर सिर्फ उनका ट्रांसफर कर दिया। इस बात से पुलिस वालों के बीच गहरा आक्रोश है। सरकार ने नाव हादसे की जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की है। एसोसिएशन की डिमांड है कि सरकार जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक करे। ताकि रिपोर्ट में लिखी गई बातें व उसकी त्रुटियां सभी को पता चल सके।

पुलिस का काम लॉ एंड ऑर्डर को बनाए रखना है। जबकि नाव हादसा व्यवस्था में कमी की वजह से हुआ था। एसडीपीओ मो.अली अंसारी का निलंबन वापस लेना होगा। साथ ही जांच रिपोर्ट सरकार को सार्वजनिक करना चाहिए।

राकेश कुमार दुबे

प्रेसिडेंट, बिहार पुलिस सर्विस एसोसिएशन