-राष्ट्रपति बोले, भारत-जापान रिश्तों की मजबूत कड़ी हैं भगवान बुद्ध

PATNA: बोधित्सव, सुख, धर्म, शून्यता, चित्त और भगवान बुद्ध के विचार आज ज्यादा प्रासंगिक हैं। आज जब विश्व में अशांति का माहौल है, ऐसे में जीवन की निरंतरता के लिए जरूरी है कि दुनिया एक बार फिर बुद्ध के विचारों के करीब आए। भगवान बुद्ध के विचार हमें 21वीं सदी में भी प्रेरित कर रहे हैं। यह बातें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कही। वे राजगीर के रत्नागिरी पहाड़ी के टॉप पर शुक्रवार को विश्व शांति स्तूप की 50वीं वर्षगांठ में चीफ गेस्ट के रूप में शिरकत कर रहे थे। उन्होंने बुद्ध की सोच को 'लाइट ऑफ एशिया' बताते हुए कहा कि भगवान बुद्ध जापान और भारत के रिश्तों की मजबूत कड़ी हैं। आधुनिक युग में फूजी गुरुजी शांति की प्रतिमूर्ति हैं।

दुखों का निवारण ही लक्ष्य

राष्ट्रपति ने कहा कि मानव दुखों का निवारण करना ही भगवान बुद्ध का लक्ष्य था। आज भौतिकवादी विकास के बाद भी मनुष्य अकेला है। हमें तृष्णा, लोभ और मोह से मुक्ति के लिए फिर से बुद्ध के उपदेशों को समझना होगा। राष्ट्रपति ने एशिया, यूरोप, अमेरिका से आए डेलीगेट्स को विश्व शांति का दूत बताया। उन्होंने कहा कि जापानी धर्मगुरुफूजी गुरु जी व महात्मा गांधी दो ऐसी शख्सियत हैं जिन्होंने विश्व को शांति की राह पर चलने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा कि 1974 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के आवास पर मुझे गुरु जी से मिलने का सौभाग्य मिला था।

फूजी गुरुजी की ऋणी

है दुनिया

उन्होंने कहा कि 21 अक्टूबर के जापान दौरे के दौरान उनकी मुलाकात फूजी गुरुजी के अनुयायियों से हुई थी। यह देश व विश्व गुरु जी का ऋणी है, जिनकी सोच व मेहनत से यह स्तूप तैयार हुआ। राष्ट्रपति ने कहा कि बुद्ध के विचार हमें ईमानदारी और पारदर्शिता की ओर ले जाते हैं, इससे सह अस्तित्व की भावना विकसित होती है। यह कहना गलत न होगा कि समाज की मुख्यधारा से विमुख होकर जो लोग समाज की शांति भंग कर रहे हैं वे मानवता पर चोट कर रहे हैं, उन्हें यह समझना चाहिए कि इसी समाज से उनके जीवन की राह सहज होगी।

एकता और शांति का प्रतीक है बोधगया

बोधगया, राजगीर, नालंदा व पाटलिपुत्र समाज में परिवर्तन की देन है। यह स्तूप एकता व शांति का प्रतीक है। इसके पूर्व शुक्रवार सुबह करीब 10.40 बजे राष्ट्रपति पत्नी सविता को¨वद के साथ हेलीकॉप्टर से विश्व शांति स्तूप के पीछे बने हेलीपैड पर उतरे। यहां उनकी अगुवाई राज्यपाल फागू चौहान व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने की। कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार, पर्यटन मंत्री कृष्ण कुमार ऋषि व सांसद कौशलेन्द्र कुमार थे।