PATNA: केंद्र सरकार ने गोल्ड रखने की लिमिट तय कर दी है। इस फैसले के बाद आई नेक्स्ट ने गोल्ड मार्केट से जुड़े लोगों और पटनाइट्स से बातचीत की। अधिकतर लोगों ने कहा कि इस तरह लगाम लगाने से गोल्ड के प्रति लोगों की साइकोलॉजी बदलेगी। हालांकि कुछ सर्राफा व्यापारियों का मानना है कि यह लिमिट काफी है और एवरेज खरीदारी देखें तो एक महिला के पास इतना सोना रेयर केस में ही होता है। इससे मार्केट को नुकसान तो हो सकता है, लेकिन आम आदमी के लिए यह लिमिट काफी रिजनेबल है। उनको अधिक फर्क नहीं पड़ेगा।

प्रभावित होगा सर्राफा बाजार

विशेषज्ञों की मानें तो इस खबर के बाद इंवेस्टमेंट परपस से जुड़ने वाले लोग दूर हो जाएंगे। सोने के शौकिनों के लिए भी यह फैसला मुश्किल पैदा करेगा। हालांकि यह असर ग्राउंड पर दिखेगा नहीं, क्योंकि अधिकतर लोग इससे अधिक सोना पहनते भी नहीं। इतनी मात्रा में सोना खरीदने वालों की संख्या कम ही है। लेकिन मार्केट को कुछ नुकसान जरूर होगा। सोने में इंवेस्ट करने वाले ट्रेडिशनल इंवेस्टर्स के लिए यह मुश्किल भरा फैसला है।

वर्जन

मेरे हिसाब से कोई भी भ्00 ग्राम से अधिक सोना नहीं रखना चाहता। एक परिवार में कई विवाहित महिला और पुरुष होते हैं। इस तरह लिमिट काफी संतोषप्रद है। मार्केट पर भी इसका अधिक प्रभाव नहीं है। मुझे लगता है लोगों को सोने के अलावा भी दूसरे माध्यम में इंवेस्ट करना चाहिए।

- साकेत केसरी, रत्नालय ज्वेलर्स

हिंदू परंपरा में सोने का काफी महत्व है, लेकिन मैंने कहीं पढ़ा है कि इसकी भी एक लिमिट होती है। शायद वह लिमिट भ्00 ग्राम ही है। सरकार ने अगर अब इसे इम्प्लीमेंट कराने की कोशिश की है तो ठीक है। मार्केट पर इसका क्या असर होगा यह आगे देखने की चीज होगी।

- रवि डी राडिया, पीसी ज्वेलर्स

हर फैसले के दोनों पक्ष होते हैं। लेकिन कोई ये कैसे तय करे कि कितना सोना कम है और कितना ज्यादा। एक महिला होने के नाते मैं महसूस कर सकती हूं कि इस फैसले से सब पर प्रभाव पड़ेगा। चाहे वह नोट हो या सोना, महिलाएं आमतौर पर इन्हीं माध्यमों से इंवेस्ट करती रही हैं।

- डॉ। स्वाति सिन्हा

आम आदमी की हैसियत से देखें तो इतना सोना कौन रखता है। इस फैसले से इकोनॉमी में पैसा आएगा जिससे ग्रोथ होगा। यह फैसला सबके हित में है।

- संजय कुमार

भ्00 ग्राम मतलब आधा किलो। इतना सोना एक महिला के लिए काफी है। अगर इससे ज्यादा सोना है तो वह राजसी शौक है। आम आदमी के लिए तो यह सही फैसला है।

- ओम प्रकाश