- मास्क पहनने, शारीरिक दूरी के पालन और टीकाकारण से कम होगा असर

PATNA :

देशभर में कोरोना की तीसरी लहर की आशंका व भयावहता की चर्चा तेज हो गई है। मुख्यत: बच्चों पर संक्रमण की आशंका को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने अस्पतालों में तैयारियां भी शुरू करा दी हैं। वहीं, एम्स पटना के विशेषज्ञों का कहना है कि तीसरी लहर कब तक आएगी यह अनलॉक के 15 दिन बाद पता चलेगा। यदि दूसरी लहर की भयावहता से सतर्क हुए लोग संक्रमण से बचाव के उपाय जैसे मास्क पहनना, शारीरिक दूरी का पालन और हाथों को धोने की आदत बना लेंगे तो तीसरी लहर को काफी हद तक रोका जा सकता है। वहीं, यदि लोग यह सोचकर कि वे पूर्व में संक्रमित हो चुके हैं, वैक्सीन लगवा ली है या किसी अन्य भ्रम में बचाव उपायों की अनदेखी करते हैं तो अगस्त तक तीसरी लहर आ सकती है।

लापरवाही पड़ेगी भारी

एम्स के कोरोना नोडल पदाधिकारी डॉ। संजीव कुमार ने बताया कि यदि अनलॉक के बाद लोगों ने सावधानी नहीं बरती तो दूसरी लहर जारी रहेगी। दूसरी के पूरी तरह खत्म होने के एक से दो माह बाद ही तीसरी लहर आएगी।

डॉ। संजीव के अनुसार पहली लहर की तुलना में दूसरी की संक्रमण दर करीब चार गुना अधिक थी। इसके आधार पर यह नहीं कहा जा सकता है कि तीसरी लहर में आने वाला म्यूटेटेड वायरस कितना संक्रामक या जानलेवा होगा। वहीं, दूसरी ओर एक बड़ी आबादी के टीकाकरण और कोरोना संक्रमण से विकसित एंटीबाडी भी तीसरी लहर की भयावहता कम करने में सहायक होगी। हालांकि, वैक्सीन की दो डोज और 'संक्रमित हो चुके हैं', जैसी सोच रखने वाले खुद को सुरक्षित मानकर लापरवाह नहीं हों। दोनों ही स्थितियों में वे संक्रमित हो सकते हैं।

क्या होती है वायरस संक्रमण की लहर वायरसजनित संक्रमण की स्थिति एक निश्चित अंतराल के बाद पुन: तेजी से सक्रिय होती है और कुछ दिनों बाद रफ्तार थम जाती है। इसी वृद्धि व कमी को लहर कहा जाता है। देश अभी कोरोना की दूसरी लहर से जूझ रहा है। वहीं, दिल्ली में कम अंतराल में ऐसे चार उतार-चढ़ाव हुए। इस कारण वहां चौथी लहर माना जा रहा है। हालांकि, लहर को राष्ट्रीय स्तर पर मामलों में वृद्धि से जोड़कर देखा जाता है।