पटना (ब्यूरो)। पटना यूनिवर्सिटी में नए सत्र 2022 -23 से सीबीसीएस यानि च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम को लागू किया जाएगा। जानकारी हो कि पीजी कोर्सेज में यह व्यवस्था पहले से ही लागू है और अब यूजी कोर्सेज के लिए भी यह लागू किया जा रहा है। सबसे बड़ी बात यह है कि नई शिक्षा नीति के आलोक में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में मल्टीडिसिप्लनरी अप्रोच के साथ पढ़ाई कराने की है। इस मामले में सीबीसीएस का लागू होना सबसे अहम कदम होगा, क्योंकि यह व्यवस्था लागू होते ही स्टूडेंट्स की लर्निंग का दायरा व्यापक हो जाएगा। वे अपने कोर सब्जेक्ट से इतर भी यदि किसी विषय की पढ़ाई करना चाहते हैं, तो उन्हें मौका होगा।

सीनेट मीटिंग में होगा फैसला
पटना यूनिवर्सिटी के डेवलपमेंट ऑफिसर पीके खान के मुताबिक, आगामी 18 जनवरी को पटना यूनिवर्सिटी की सीनेट की बैठक में सीबीसीएस को लेकर एडमिशन ऑर्डिनेंस और एग्जाम रेग्युलेशन इससे संबंधित कोर्सेज के लिए लागू किया जाएगा। इसे सीनेट से पास हो जाने के बाद राजभवन के पास स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा। इस संबंध में 16 अंडरग्रेजुएट सब्जेट के लिए आर्डिनेंस एंड रेग्युलेशन का ड्राफ्ट जल्द ही सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी द्वारा तैयार किया जाएगा। इसे लेकर तीन जनवरी, 2022 को पीयू के वाइस चांसलर प्रो। जीके चौधरी इससे जुड़े डिपार्टमेंट हेड के साथ बैठक करेंगे और जरूरी कदम उठाए जाएंगे।

यह लाभ होगा
वाणिज्य महाविद्यालय के प्रिंसिपल एवं अंडरग्रेजुएट कोर्सेज में सीबीसीएस के कन्वेनर डॉ एनके झा ने बताया कि इस व्यवस्था से यह लाभ होगा कि यदि कोई साइंस का स्टूडेंट्स है तो वह आर्ट्स सब्जेक्ट भी च्वाइस के तौर पर पढ़ सकता है।

31 विभाग में होगा लागू
पटना यूनिवर्सिटी में अंडरग्रेजुएट कोर्सेज में सीबीसीएस के कन्वेंनर एवं चेयरमैन डॉ एनके झा ने बताया कि अंडरग्रेजुट के 31 विभाग हैं। इसमें 22 विषयों के संबंध में डाफ्ट आदि करीब तैयार है। जिसे जनवरी माह में होने वाले सीनेट मीटिंग में रखा जाएगा। हमें उम्मीद है कि जनवरी माह में ही सभी सब्जेक्ट के लिए यह बनकर तैयार हो जाएगा।

दो साल से था पेंडिंग
भले ही पटना यूनिवर्सिटी यूजी कोर्सेज में सीबीसीएस लागू कराने वाला बिहार का पहला यूनिवर्सिटी हो, लेकिन इसकी शुरुआत तो दो वर्ष पूर्व ही हो चुकी थी। लेकिन तब कॉलेज लेवल पर इसे लागू करने के लिए समुचित इंतजाम नहीं किए गए थे। वहीं, इसके अगले वर्ष यानि वर्ष 2021 से पहले कोरोना महामारी के प्रकोप से तैयारियां धरी ही रह गई थी। अब जब यह लागू हो रहा है, इसे लेकर विश्वविद्यालय कैंपस में उत्साह का वातावरण है।

ग्रेडिंग में भी होगा सुधार
सीबीसीएस लागू होने से न केवल अंडरग्रेजुट स्टूडेंट्स को मल्टीडिसिप्लनरी सब्जेक्ट पढऩे का मौका मिलेगा बल्कि इससे पीयू की नैक रैंकिंग में भी सुधार करने में मदद मिलेगी। डॉ एन के झा ने बताया कि इसके लिए टीचर -स्टूडेंट्स का अनुपात भी बेहतर होना जरूरी है।

केवल यह समस्या
पीयू के सामने अंडरग्रेजुएट कोर्सेज में सीबीसीएस लागू करने के लिए सबसे बड़ी समस्या स्टूडेंट्स- टीचर रेसियो है। क्योंकि जब तब पर्याप्त संख्या में टीचर्स नहीं होंगे, तब तक इसे ठीक से लागू करने में समस्या बनी हुई है। जानकारी हो कि पटना यूनिवर्सिटी में 22 हजार स्टूडेंट्स पढ़ाई करते है। यदि केवल अंडरग्रेजुट की बात करें तो वह भी करीब 10 हजार के करीब है। जबकि टीचर्स केवल 320 हैं। इसमें एक बड़ी संख्या गेस्ट टीचर्स की है।

पटना यूनिवर्सिटी में नए सत्र से सीबीसीएस को यूजी कोर्सेज में लागू किया जा रहा है। इसके लिए सभी तैयारियां पूरी की जा रही है। शिक्षकों की कमी से भी निपटने के लिए गेस्ट टीचर्स की नियुक्ति की जा रही है।
- प्रो। जीके चौधरी, वीसी पटना यूनिवर्सिटी