-एसपी कमेटी से बाहर, जिला स्तर पर बनेगी तीन सदस्यीय कमेटी

-पटना हाईकोर्ट में सरकार ने सौंपी कार्ययोजना

PATNA : बिहार के टीचर ट्रेनिंग कॉलेजों की नए सिरे से जांच प्रारंभ होगी। इस बार जांच कमेटी में एसपी नहीं होंगे। इसके लिए जिला स्तर पर बनने वाली कमेटी में डीएम, या एडीएम रैंक के अफसर, किसी विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार या डिप्टी सेक्रेटरी के साथ ही जिला शिक्षा अधिकारी रहेंगे। जांच कमेटी निजी और सरकारी दोनों तरह के बीएड कॉलेजों की जांच कर अपनी रिपोर्ट शिक्षा विभाग को देगी। शिक्षा विभाग इस जांच रिपोर्ट को नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजूकेशन (एनसीटीई) को भेजेगा। बीएड कॉलेज की मान्यता के बारे में अंतिम फैसला एनसीटीई ही करेगी।

पहले जून में शुरू हुई थी जांच

बिहार में इंटर मेरिट घोटाले के प्रकाश में आने के बाद जून में ऑपरेशन क्लीन शुरू किया गया था। इसके तहत सभी टीचर ट्रेनिंग कॉलेजों की जांच का फैसला लिया गया। उस दौरान जांच के लिए बनाई गई कमेटी में डीएम, एसपी को शामिल किया गया था। सरकार के इस फैसले के विरोध में कुछ निजी कॉलेजों ने कोर्ट की शरण ली थी, जिसके बाद जांच रोक दी गयी थी। निजी कॉलेजों की आपत्ति जांच कमेटी में एसपी को शामिल करने को लेकर थी। कोर्ट ने इस मामले में सरकार को निर्देश दिया था कि वह कार्ययोजना बनाकर कोर्ट को सौंपे। साथ ही यह भी बताए कि बीएड कॉलेजों की जांच के लिए उनके पास क्या प्रस्ताव है। शिक्षा सूत्रों ने बताया कि सरकार ने कार्ययोजना बनाकर आज हाईकोर्ट को सौंप दी है। राज्य सरकार ने कोर्ट को सौंपी कार्ययोजना में कहा है कि जांच कमेटी से एसपी को हटा दिया गया है। उनके स्थान पर विवि के रजिस्ट्रार या डिप्टी सेक्रेटरी स्तर के अधिकारी को शामिल किया गया है। कमेटी में रजिस्ट्रार और डीईओ रहेंगे।