- राजकीय सम्मान के बीच दीघा के जर्नादन घाट पर हुआ अंतिम संस्कार

- सांसद समेत कई अन्य लोगों ने दिया कंधा, भतीजे के बेटे ने दी मुखाग्नि

PATNA: भारत छोड़ो आंदोलन के अमर शहीद राजेंद्र सिंह की पत्नी सुरेश देवी का सोमवार रात दानापुर के खगड़ी कदमतल रोड नंबर-3 में स्थित आवास पर निधन हो गया। वे 95 वर्ष की थीं। मंगलवार की सुबह दीघा के जनार्दन घाट पर उनकी अंत्येष्टि हुई, जहां कई गणमान्य लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

राष्ट्रीय ध्वज फहराते समय लगी थी गोली

छपरा के नयागांव निवासी वीर शहीद राजेंद्र सिंह की पत्नी दानापुर में ही रहती थीं। भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान अगस्त क्रांति में पटना के सचिवालय पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने के दौरान हुए राजेंद्र सिंह अंग्रेजों की गोली के शिकार हुए थे। सुरेश देवी की मौत की खबर लगते ही शोक संवेदना व्यक्त करने वालों का तांता लग गया। उन्हें श्रद्धांजलि देने सांसद राम कृपाल यादव, अनुमंडलाधिकारी बिनोद दुहन, नप के कार्यपालक पदाधिकारी समेत अन्य गणमान्य लोग पहुंचे।

डीएम और एसएसपी रहे मौजूद

मंगलवार की सुबह करीब 10 बजे पूरे सम्मान के साथ उनकी अंतिम यात्रा निकली, जिसमें सांसद समेत अन्य लोगों ने कंधा देकर स्व। सिंह की प्रतिमा के निकट पहुंचे, जहां लोगों ने वीर शहीद व सुरेश देवी को श्रद्धांजलि अर्पित की। वहीं से तिरंगे में लिपटा पार्थिव शरीर दीघा घाट के लिए रवाना हुआ, जहां राजकीय सम्मान के साथ अंत्येष्टि हुई। सुरेश देवी के भतीजे कृष्णा कुमार सिंह के पुत्र साहिल कुमार सिन्हा ने उन्हें मुखाग्नि दी। इससे पूर्व दीघा के जर्नादन घाट पर पूर्व मंत्री श्रवण कुमार, डीएम चंद्रशेखर सिंह, एसएसपी उपेंद्र शर्मा, पूर्व मुखिया धर्मेद्र कुमार सहित अन्य ने श्रद्धांजलि दी।