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PATNA: पटना में ई-रिक्शा मालिक और गैरकानूनी रूप से चार्जिग के लिए चलाए जा रहे गैराज से बिजली विभाग को जमकर चूना लग रहा है। ई-रिक्शा का कमर्शियल यूज होता है जबकि इसे घरेलू बिजली कनेक्शन से चार्ज किया जा रहा है। ई रिक्शा और गैराज के मालिक हर साल लगभग 7 करोड़ 61 लाख 40 हजार रुपए की बिजली चोरी कर रहे हैं। इस पर न तो बिजली विभाग की नजर गई है और नहीं सरकार की। इतना ही नहीं शहर में कितने ई-रिक्शा चल रहे हैं इसका भी हिसाब किसी के पास नहीं है। इससे सरकार को राजस्व का घाटा भी हो रहा है। चार्जिग के दौरान सुरक्षा के मानकों की भी अनदेखी की जा रही हैं।

ऐसे समझें बिजली चोरी का गणित

शहर में लगभग दस हजार ई-रिक्शा हैं। एक ई-रिक्शा की बैट्री को चार्ज करने में अमूमन 6 से 7 घंटे लगते हैं। इस दौरान लगभग 9 यूनिट बिजली की खपत होती है। घरेलू बिजली की रेट 6.15 रुपए प्रति यूनिट है। वहीं कमर्शियल बिजली की बात करें तो इसकी रेट 8.50 रुपए प्रति यूनिट है। एक साल में दस हजार ई-रिक्शा को चार्ज करने में लगभग 3 करोड़ 24 लाख यूनिट बिजली की खपत होती है। इतनी यूनिट खपत होने पर बिजली विभाग को कमर्शियल बिजली के हिसाब से कुल 27 करोड़ 54 लाख रुपए मिलते। जबकि शहर में ई-रिक्शा घरेलू बिजली से चार्ज किए जाते हैं। यदि सभी ई रिक्शा के मालिक बिजली बिल का भुगतान करें तो विभाग को कुल 19 करोड़ 92 लाख 60 हजार रुपए ही मिलेंगे। हर साल ई-रिक्शा और चार्जिग गैराज के मालिक मिलकर 7 करोड़ 61 लाख 40 हजार रु। की चोरी कर रहे हैं।

शहर में नहीं है चार्जिंग सेंटर

ट्राई ग्रीन के चीफ ऑपरेटिंग के अनुसार सरकार और बिजली विभाग की ओर से ऑथराइज्ड चार्जिग सेंटर खोलने के लिए बढ़ावा नहीं दिया जा रहा है। सरकार को कई प्रस्ताव दिए गए लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।

कमाई खूब फिर भी कर रहे बिजली चोरी

ई-रिक्शा के मालिक की कमाई खूब हो रही है। फिर भी घरेलू कनेक्शन से ही उसे चार्ज करते हैं। ई-रिक्शा चालक प्रतिदिन 400 रुपए मालिक को किराए के रूप में देते हैं। एक दिन में चालक को 800 से 1200 रुपए की कमाई होती है।

यहां खुले हैं अवैध चार्जिग गैराज

राजीव नगर, एलसीटी घाट, एग्जीबिशन रोड, कुर्जी, गांधी मैदान, कंकड़बाग, पटना सिटी।

यदि कोई डोमेस्टिक कंज्यूमर है और उसका कमर्शियल यूज कर रहा है तो दोषी व्यक्ति का कनेक्शन काट दिया जाएगा और उस पर केस भी किया जाएगा।

प्रत्यय अमृत, ऊर्जा सचिव

गैरकानूनी रूप से ई-रिक्शा चार्ज करने में सरकार को भारी नुकसान हो रहा है। सरकार को चार्जिग सेंटर खोलने के लिए प्रोत्साहन देना चाहिए। इससे बेरोजगारी और प्रदूषण कम होगा।

अनुराग सहाय सिंह, सीओओ, टाई ग्रीन