-7 लाख से अधिक पिन्नी प्रसाद का पैकेट बनना मुश्किल

-प्रत्येक श्रद्धालु ले जाते हैं 20 से 50 पैकेट पिन्नी प्रसाद

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PATNA CITY : प्रकाश पर्व पर आने वाले संगत गुरु घर से प्रसाद के रूप में पिन्नी प्रसाद लेकर जाते हैं। यह काफी दिनों तक खराब नहीं होता है, इस कारण श्रद्धालु इसे अधिक संख्या में अपने साथ लेकर जाते हैं और रिलेटिव्स, फ्रेंड्स आदि के बीच बांटते हैं। तख्तश्री कमेटी की ओर से इस बार पिन्नी प्रसाद बनाने के लिए पूरा संसाधन उपलब्ध नहीं है। इस कारण 7 लाख से अधिक पिन्नी (लड्डू) नहीं बन सकता है।

हाथ के बजाए मशीन से मदद

पिन्नी बनाने का काम हाथ से किया जाता था। संगतों की संख्या अधिक होने के कारण अब मशीन की मदद ली जा रही है। तीन मशीन से एक लड्डू के बराबर पाउच में भरकर सीलिंग होकर निकलता है। उसे पांच, सात या दस के पॉलीथीन में पैक किया जाता है। फिर भी संगतों की मांग के अनुरूप पूरा होना मुश्किल लग रहा है।

कैसे बनता है पिन्नी प्रसाद

ख्ब् केजी आटा और ख्ब् केजी चीनी में क्म् केजी घी की मिलाई जाती है। आटे को घी और गर्म पानी मिलाकर गूंथा जाता है। फिर उसका कड़ा लाई बनाकर घी में फ्राई किया जाता है। इसके बाद पिसाई की हुई चीनी में उसे मिलाकर दोनों को एक साथ डालकर मशीन से पिसाई की जाती है।

फिर मशीन से पैकिंग

इसके बाद चूर्ण को मशीन में डाला जाता है। पाउच में भरकर पैकेट बनकर निकलता है। एक पिन्नी यानी एक पाउच की कीमत क्भ् रुपए है। एक दिन में तीनों मशीन की मदद से बमुश्किल भ्0 हजार पिन्नी प्रसाद ही तैयार किए जा रहे हैं।

हर कोई लेते ख्0 से भ्0 पिन्नी

गांधी मैदान, कंगन घाट, बाइपास टेंट सिटी समेत तख्तश्री, कम्युनिटी हॉल से लेकर होटलों में करीब दो लाख से अधिक संगतों के लिए पिन्नी कम पड़ सकता है। हर श्रद्धालु कम से कम ख्0 से भ्0 पिन्नी ले जाते हैं। पिन्नी प्रसाद बनाने की सेवा में दमनजीत सिंह और इशपाल सिंह समेत अन्य लोग लगे हैं।

फिलहाल सात लाख पिन्नी बनवा रही हूं। यदि इसकी मांग अधिक हुई, तो संख्या और बढ़ाई जा सकती है।

-बीबी कंवलजीत कौर, वाइस प्रेसिडेंट सह पिन्नी प्रसाद इंचार्ज, तख्तश्री कमेटी