- एम्स पटना में हुई मौत

PATNA : बिहार में कोरोना से पहली मौत एम्स, पटना में रविवार को हो गई। यह प्रदेश स्तर पर अब तक की पहली डेथ है। मृतक मुंगेर जिले का रहने वाला था। उसकी उम्र 28 साल थी। 20 मार्च से वह एम्स पटना में एडमिट था। कोरोना से मौत होने की पुष्टि आरएमआरआई की रिपोर्ट आने से हुई। एम्स से उसका सैंपल शनिवार सुबह आरएमआरआई भेजा गया था। जिसकी रिपोर्ट देर रात में रिपोर्ट आई। तब तक उसकी मौत हो गई थी। रिपोर्ट के आने के बाद से सरकार, प्रशासन और आम लोगों के बीच भी हड़कंप मच गया। उधर, इस मामले को लेकर स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल भी खुल गई है। क्योंकि इस मामले में इलाज की लचर व्यवस्था को लेकर प्रशासनिक स्तर पर अलग-अलग बयान आ रहे हैं। एम्स पटना के डायरेक्टर डॉ पीके सिंह के मुताबिक मृतक शुक्रवार को आया था और शनिवार को उनकी डेथ हो गई। मृतक कतर से अपने घर मुंगेर लौटा था। एम्स पटना में वह किडनी का इलाज कराने के लिए एडमिट हुआ था।

दो की रिपोर्ट पॉजिटिव

जहां एक ओर एम्स पटना में कोरोना से एक मौत की पुष्टि हो गई है तो दूसरी ओर एम्स में एडमिट पटना की एक 45 वर्षीय महिला की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है। हालांकि, एम्स सूत्रों ने बताया कि उनकी ट्रैवल हिस्ट्री नहीं है। लेकिन उनका बेटा इटली से आया था और वह आइसोलेशन में भी रह चुका है। फिलहाल वह स्वस्थ है। देर शाम आरएमआरआई से रिपोर्ट आई। इस रिपोर्ट के अनुसार एनएमसीएच में एडमिट स्कॉटलैंड से आए 21 वर्षीय युवक भी कोरोना पॉजिटिव है।

सौ सैंपल के बाद आया पॉजिटिव केस

आरएमआरआई के निदेशक डॉ प्रदीप दास के मुताबिक शनिवार को कुल 114 टेस्ट जांच के लिए आए थे। लेकिन इसमें से शाम को सबसे पहले 100 जांच की रिपोर्ट आई। इसमें कोई केस पॉजिटिव नहीं था। लेकिन इसके बाद के 14 केस में दो केस पॉजिटिव मिले।

मरने के बाद आई रिपोर्ट

तमाम दावों के बावजूद कोरोना की जांच की व्यवस्था एकमात्र आरएमआरआई के भरोसे है। पहले जहां गंभीर वायरोलॉजी के केसेज की जांच पुणे, महाराष्ट्र भेजी जाती थी। उसकी रिपोर्ट आने में सात दिन तक लग जाते थे। अब सभी प्रकार की जांच आरएमआरआई में होती है। आरएमआरआई पर जांच का दबाव ज्यादा होने की वजह से मौत के बाद जांच रिपोर्ट आई। एम्स प्रशासन ने बताया कि अब प्रतिदिन बुलेटिन जारी कोरोना सस्पेक्ट की जानकारी दी जाएगी।