- अपराध के साथ बढ़े सुरक्षा के हाथ

- देहज और बाल विवाह के लिए बड़ा प्रयास

- वर्ष 2017 में देहज और बाल विवाह के लिए हुई बड़ी पहल

क्कन्ञ्जहृन्: वर्ष 2017 में बेटियों की सुरक्षा पर पंख लगाने का काम किया गया है। अपराध का ग्राफ तो बढ़ा लेकिन सरकार के प्रयास ने इस दाग को धुलने का भी काम किया है। बाल विवाह और दहेज के खिलाफ सरकार के वार ने एक ऐसा प्रयास किया है जो बड़ी मुहिम का रुप ले लिया है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट आपको बताने जा रहा है कि किस तरह से बेटियां का दर्द छलका और फिर किस तरह से सरकार ने अपराध के दाग को धुलने का काम किया है।

दहेज को लेकर सिसक रहा था बिहार

बिहार दहेज और बाल विवाह के मामलों में हमेशा सिसकियां भर रहा है। यहां बेटियों को दहेज के लिए जलाए जाने और बेघर करने के मामले आम है। यहां हर साल हजारों मामले पुलिस तक पहुंचते हैं लेकिन पचास प्रतिशत में भी न्याय नहीं मल पाता है। जिन मामलों में पुलिस की कार्रवाई समय पर नहीं हो पाती है उसमें दहेज हत्या तक की नौबत आ जाती है। पुलिस के अधिकारियों का ाी मानना है कि अगर शुरूआती दौर में ही मामले में ध्यान देकर कार्रवाई की जाए तो बात बन सकती है। पुलिस की चूक से ही मामलों में बढ़ोत्तरी हो रही है।

दहेज और बाल विवाह को लेकर पुलिस ने कई बड़ी पहल की है। लोगों को जागरुक करने के साथ साथ कार्रवाई पर भी जोर दिया गया है। दहेज प्रताड़ना और महिला अपराध के मामलों में स्पीडी ट्रायल कराकर आरोपियों को सजा दिलाने का काम किया गया है। इसके साथ सुरक्षा को लेकर अन्य कई प्लान तैयार कर काम किया गया है।

- नैय्यर हसनैन खां, जोनल आईजी

पटना