- विभिन्न कारोबारियों ने कहा अभी बिल नहीं काट रहे, रिटेलर को भी नए रेट का पता नहीं

- कंज्यूमर को मजा आ रहा विंडो शॉपिंग में, खरीदारी घटी

PATNA : भले ही गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) एक जुलाई से लागू होने की घोषणा कर दी गई। लेकिन इसका पहला दिन बड़ा ही निराशाजनक रहा। अधिकांश व्यापारिक प्रतिष्ठानों में खरीद कम हुई। रेट को लेकर ग्राहक तो ग्राहक दुकानदारों में भी कई प्रकार की भ्रांति दिखी। कुछ व्यापारी रेट को लेकर सचेत दिखे लेकिन उन्होंने इस बात को माना कि अभी से ही इस नए टैक्स की व्यवस्था का तुरंत आंकलन नहीं किया जा सकता है। हां, मांग आधारित चीजों की ब्रिकी पर असर नहीं होगा। वैसे भी खाने-पीने की चीजों के संबंध में यह पहले ही तय है कि इन उत्पादों की कीमतें नहीं बढ़ेंगी।

विंडो शॉपिंग का लिया मजा

जीएसटी के पहले दिन आलम ऐसा रहा कि ग्राहक दाम पूछते रहे और दुकानदार पहले का रेट चार्ट देखकर या डिस्ट्रीब्यूटर से रेट पूछकर रेट बताते रहे। टीवी, फ्रीज, एसी के बाजार में कुछ ऐसा ही दृश्य रहा। इसी प्रकार, मॉल में भी शनिवार को खरीदारी कम ही हुई। कंज्यूमर ड्यूरेबल का बाजार मंदा रहा। ग्राहक यहीं तक नहीं रूके, उन्होंने जीएसटी के बाद आने वाले ऑफर के बारे में भी अभी से ही जानकारी लेनी शुरू कर दी है।

हाल कपड़ा बाजार का

जीएसटी के पहले और बाद के रेट की बात रेडिमेट कपड़े के संबंध में करें तो इसमें रेट तेज हो गया है। मौर्या लोक स्थित गिरजा साड़ी में दुकानदार आशीष शर्मा ने बताया कि पहले रेडीमेड कपड़ों पर मात्र म् प्रतिशत वैट लगता था जबकि अब यह दो टैक्स स्लैब में आ गया है। एक हजार रूपये से कम मूल्य के कपड़ों पर भ् प्रतिशत जबकि एक हजार से अधिक मूल्य के कपड़ों पर क्ख् प्रतिशत जीएसटी लगेगा।

किचन बाजार बिगड़ा

किचन बल्कि मार्डन किचन के प्रोडक्ट की बात करें तो इस पर जीएसटी से नफा कम और नुकसान की गुंजाइश ज्यादा दिख रही है। यह हाल तब है कि जबकि कई प्रोडक्ट पर रेट अभी क्लीयर नहीं किया गया है। लेकिन जो जानकारी अब तक है, उसमे रेट बढ़ा हुआ है। मौर्या लोक स्थित किचन कांसेप्ट के प्रोपराइटर अप्रतिम कुमार ने बताया कि जीएसटी के बाद मल्टीपल टैक्स की व्यवस्था दिख रही है। किचन चिमनी का रेट पहले क्भ् परसेंट के रेट स्लैब में था जबकि अब यह ख्8 प्रतिशत के रेट में है। इसी प्रकार किचन बास्केट पर पहले का छह परसेंट टैक्स अब क्ख् प्रतिशत हो गया है।

मोबाइल एसेसरीज महंगा

पहले ही जीएसटी रेट के मुताबिक मोबाइल की खरीद पर मामूली अंतर रहे लेकिन मोबाइल एसेसरीज मंहगा हो गया है। इसपर पहले क्भ् प्रतिशत टैक्स देना होता था जबकि अब यह ख्8 प्रतिशत के टैक्स स्लैब में रख दिया गया है। इसी प्रकार मोबाइल बैटरी पर ख्8 प्रतिशत जीएसटी देना होगा।

कार की रिकार्ड खरीद, फिर शांत

जीएसटी को लेकर कुछ चौंका देने वाली बात भी है। जीएसटी की घोषणा से एक दिन पहले पटना के कार शोरूम में जमकर बिक्री हुई लेकिन अगले दिन शनिवार को बाजार ठंडा पड़ गया। बोरिंग रोड स्थित कार्लो ऑटोमोबाइल के सेल्स एग्जीक्यटिव सौरभ चक्रवर्ती ने बताया कि शुक्रवार को शोरूम से करीब ब्0 कारों की डिलेवरी की गई। जबकि दूसरे दिन यह सामान्य रहा। उन्होंने उम्मीद जतायी है कि हाइब्रिड गाड़ी को छोड़कर अन्य गाडि़यों पर रेट कम होने हो सकता है।