पूल कैंपस में एकेयू के 24 कॉलेजों में हुआ प्लेसमेंट, टूटा निजी कॉलेजों में पढ़ने का भ्रम

- शिक्षक और अन्य कमियों को भी किया जाएगा दूर

PATNA :

बिहार के तकनीकी संस्थानों में पहली बार बडे़ स्तर पर प्लेसमेंट ड्राइव सफल रहा है। इतना ही नहीं अक्सर प्लेसमेंट को लेकर निजी कॉलेजों में पढ़ने का भ्रम भी गवर्नमेंट कॉलेजों के स्टूडेंट्स ने तोड़ दिया। पहली बार हुए इस प्लेसमेंट ड्राइव में कुल 250 स्टूडेंट्स का प्लेसमेंट किया गया है। इसमें पटना के करीब 80 स्टूडेंट्स शामिल हैं।

आर्यभट्ट नॉलेज यूनिवर्सिटी से मान्यता प्राप्त 13 सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज और 11 प्राइवेट कॉलेज शामिल हैं। एकेयू के सूत्रों ने बताया कि मई 2019 से ही प्लेसमेंट ड्राइव की शुरुआत की गई है। लेकिन बीते वर्ष बेहद मामूली प्लेसमेंट हुआ था। लेकिन इस बार का प्लेसमेंट से स्टूडेंट्स में काफी खुशी हुई है। इसके लिए तीन स्तरों पर प्लेसमेंट किया गया है। इसमें ऑनलाइन कम्प्यूटर बेस्ड टेस्ट, रिटेन एग्जाम और ग्रुप डिस्कशन के आधार पर यह प्लेसमेंट ड्राइव किया गया है। एकेयू की ओर से बताया गया कि आगामी 16 और 17 मार्च को भी प्लेसमेंट पूल आयोजित किया गया है।

अभी लंबी दूरी तय करेंगे

बिहार के सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों के लिए यह प्लेसमेंट ड्राइव खास मायने रखता है। क्योंकि यहां अभी भी शिक्षकों की कमी और इंफ्रास्ट्रक्चर की भी समस्या है। इसके लिए सरकार का साइंस एंड टेक्नोलाजी डिपार्टमेंट प्रयासरत है। यदि इन कमियों को दूर कर लिया जाए तो प्लेसमेंट की संख्या और बेहतर हो सकती है। प्लेसमेंट में शामिल स्टूडेंट्स को तीन लाख से अधिकतम पांच लाख तक का पैकेज दिया गया है।

एनबीए के लिए भी पहल

एकेयू के ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट सेल के इंचार्ज अतीकुर रहमान ने बताया कि बिहार के सात इंजीनियरिंग कॉलेजों ने टेक्यूप यानी टेक्निकल एजुकेशन क्वालिटी इम्प्रूवमेंट प्रोग्राम के लिए रजिस्टर्ड हैं। इनमें भागलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज सहित मुजफ्फरपुर, चंडी, गया, छपरा, मोतिहारी और दरभंगा शामिल हैं। उन्होंने बताया कि कॉलेजों के इम्प्रूवमेंट प्रोग्राम के कई पहलू है। इसमें नेशनल बोर्ड ऑफ एक्रीडिटेशन भी शामिल है। इसमें कई पारामीटर हैं, जिसमें एक पारामीटर प्लेसमेंट भी है। कम से कम 40 प्रतिशत प्लेसमेंट होने पर ही एक पारामीटर पूरा होता है।

एनबीए आखिर क्यों?

एकेडमिक एक्सपर्ट का कहना है कि एनबीए (नेशल बोर्ड ऑफ एक्रिडिटेशन) कराना किसी कॉलेज के लिए एक वैल्यू एडीशन होता है। उदाहरण के लिए किसी भी रीजनल कॉलेज को उन इलाके के लोग ही जानते हैं लेकिन जब संबंधित कॉलेज एनबीए के क्राइटेरिया को पूरा करते हुए इसका सर्टिफिकेशन हासिल करता है तो उसे देश-विदेश के लोग आसानी से देख सकते हैं और कॉलेज का सर्च स्पेस बढ़ जाता है। जानकारी हो कि कुल 1200 अंकों का एनबीए होता है। इसमें करीब 650 अंक हासिल करना अनिवार्य होता है। इसमें करीब दस क्राइटेरिया होता है।

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एनबीए के लिए क्राइटेरिया

- टीचिंग एक्सिलेंस

- कॉलेज गवर्नेस

- प्लसमेंट

- स्टूडेंट्स फीडबैक

- ओवर ऑल इंफ्रास्ट्रक्चर

- लैब फैसिलिटी

- स्टूडेंट्स- फैकल्टी रेशियो

- प्लेसमेंट

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यह पहला मौका है जब बड़ी संख्या में विभिन्न इंजीनियरिंग कॉलेज के स्टूडेंट्स का प्लेसमेंट किया गया है। अभी कुछ और कंपनियां प्लेसमेंट पूल के लिए आएंगी। अब अगले वर्ष इसे और बेहतर तरीके से आर्गेनाइज किया जाएगा।

- मो। अतीकुर रहमान, इंचार्ज, ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट, एकेयू

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