PATNA : राजधानी में एक ऐसे शख्स को पुलिस ने गिरफ्तार किया है जो सेकेंड डिविजन से मैट्रिक पास था और डॉक्टर बन कर क्लीनिक चला रहा था। खास बात ये थी कि वो ऐसे लोगों का इलाज करता था जो लंबे समय से बीमार रहते थे। इतना ही नहीं इलाज कराने आने वाले पेशेंट को नकली दवाएं भी देता था। इस फर्जीवाड़े का खुलासा पटना पुलिस और ड्रग इंस्पेक्टर की टीम ने संयुक्त रूप से की गई छापेमारी के बाद किया है। लोगों की आंखों में धूल झोंक रहे फर्जी डॉक्टर का नाम अजीत कुमार है। इसके क्लीनिक से पुलिस ने दो लाख रुपए के अधिक की नकली दवाएं बरामद की हैं। एक्सपायर दवाओं को रिसाइकल कर बनाया गया था। जानकारी मिलने पर राजीव नगर थाने की पुलिस टीम ने ये कार्रवाई गांधी नगर इलाके में की।

- जले व्यक्ति का कर रहा था इलाज

गुरुवार को जिस वक्त पुलिस टीम ने छापेमारी की, उस दौरान अजीत अपने क्लीनिक में था। वो जले हुए एक व्यक्ति का इलाज करने में जुटा था। लेकिन अचानक से पुलिस टीम को देख उसके होश उड़ गए। उसे कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था कि पुलिस उसके पास कैसे पहुंच गई?

- नहीं मिला कोई सर्टिफिकेट

फर्जी डॉक्टर अजीत औरंगाबाद के महुआर इलाके का रहने वाला है। जांच के दौरान उससे प्रैक्टिस करने का सर्टिफिकेट मांगा गया। पहले तो वो टालते रहा। लेकिन जब एसएचओ मृत्युंजय कुमार और उनकी टीम ने दबिश बढ़ाई तो वो असलियत बताने लगा। इसके बाद ही पता चला कि वो सिर्फ मैट्रिक पास है। वो भी सेकेंड डिविजन। फिलहाल पुलिस टीम उससे पूछताछ करने में जुटी है।