महीनों से चल रहा था काम

मेयर अफजल इमाम ने बताया कि टैक्स का निर्धारण किया गया है। यह सड़क के हिसाब से बढ़ाया गया है, जो किसी भी रूप में गलत नहीं है। हमलोग कम टैक्स लेते ही थे, इसलिए बढ़ाया गया है। होल्डिंग टैक्स बढ़ाने के लिए कई महीनों से ग्राउंड लेवल पर निगम ऑफिसर्स की टीम लगातार एरिया में काम कर रही थी। बिल्डिंग, उसकी कैटेगरी और उसके बाद कॉमर्शियल की सेल पर चार्ट तैयार की गई। नॉर्मल रेसिडेंशियल और कॉमर्शियल के अलावा अधिक सेल होने वाली कॉमर्शियल दुकानों पर अलग से होल्डिंग टैक्स बढ़ाया जाएगा। लिहाजा स्क्वायर फीट के हिसाब से ही बढ़ा दिया गया है। इसके बाद उस पर नौ परसेंट का एआरवी लगाया जाएगा। जो राशि निकलेगी, उसका फिर दुगुना किया जाएगा, जो होल्डिंग टैक्स कहलाएगा।

जैसी बिल्डिंग, वैसा टैक्स

होल्डिंग टैक्स के लिए शहर को तीन सड़कों में बांटा गया है। प्रधान मुख्य सड़क, मुख्य सड़क और अन्य सड़क। यह भवन की बनावट के हिसाब से लिया जाता है। शहर में 88 मुख्य सड़कों में अशोक राजपथ, एक्जीबिशन रोड, फ्रेजर रोड, डाकबंगला, भट्टाचार्या रोड, बेली रोड, खगौल, एसपी वर्मा रोड, आर्य कुमार रोड, बोरिंग रोड सहित कई सड़कें शामिल हैं। 24 प्रधान सड़क और इसके बाद बची सड़क अन्य सड़क की कैटेगरी में आती हैं। इसी के हिसाब से होल्डिंग टैक्स बढ़ाया जाएगा। कॉमर्शियल में भी कई तरह की कैटेगरी बांटी गई हैं, जो छह महीने बाद लागू हो जाएंगी।

ली जा रही एनुअल होल्डिंग टैक्स

बिल्डिंग की बनावट -          प्रधान मुख्य सड़क          - मुख्य सड़क -               अन्य सड़क पर होल्डिंग

                                  कॉमर्शियल-अन्य-आवासीय   कॉमर्शियल-अन्य-आवासीय    कॉमर्शियल-अन्य-आवासीय--

पक्की छत                          54         36      18           36        24      12           18        12      6

एस्बेस्टस-कोरगेटेड छत          36           24     12           24       16       8             12        8       4

अन्य                                18           12      6            12        8        4             6         4       2

यह कीमत स्क्वायर मीटर के हिसाब से ली जाती है। इसके रेट को दोगुना कर दिया गया है, यानी 54 के बदले अब 108 रुपए स्क्वायर मीटर के हिसाब से लिया जाएगा। इसी तरह अन्य कॉमर्शियल, रेसिडेंशियल और अन्य के स्क्वायर मीटर में भी बढ़ोतरी होगी। इसके बाद 108 रुपए स्क्वायर मीटर को उसके कारपेट एरिया से गुना किया जाएगा, जिसके बाद उस पर नौ परसेंट और गुना किया जाएगा। इसे एआरवी यानी एनुअल रेंटल वैल्यू कहेंगे। परसेंटेज के बाद जितना आएगा, उसका दोगुना होल्डिंग टैक्स लिया जाएगा.