होली का रंग कहीं बिगाड़ न दे स्किन टोन

- केमिकल वाले रंग से एलर्जी सहित कई समस्याएं होती है

- डॉक्टरों ने कहा, केवल हर्बल होली ही है सेफ

PATNA :

होली के मौके पर बाजार में इस बार भी कई प्रकार के आर्टिफिसियल और हानिकारक केमिकल वाले रंग मिल रहे हैं। केमिकल वाले रंग स्किन को नुकसान पहुंचाते हैं। लेकिन जानकारी और जागरुकता के अभाव में लोग इसका इस्तेमाल करते हैं। पीएमसीएच में स्किन डिपार्टमेंट में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ विकास शंकर ने बताया कि केमिकल नहीं हर्बल कलर से होली खेलना सेहत के लिए सेफ है। उनका कहना है कि अलग-अलग रंगों में मौजूद केमिकल के कारण स्किन पर अलग-अलग प्रकार से खतरा हो सकता है। इसके साथ ही आखों और बालों पर भी इसका असर होता है।

हेवी मेटल के कारण बुरा असर

डॉक्टरों का कहना है कि रंगों में कई प्रकार के हेवी मेटल मिले होने के कारण भी लोगों के स्किन के छिल जाने, डिस्कलर या छाई पड़ने आदि की समस्या आती है। इसके अलावा एलर्जी की भी समस्या उत्पन्न हो सकती है। इसलिए सुनिश्चित कर लें कि जो कलर ले रहे हैं वह नुकसानदेह तो नहीं है।

इसका रखें ध्यान

-होली खेलने से 48 घंटा पहले स्किन हाइड्रेशन होना चाहिए ताकि स्किन में नमी पर्याप्त रूप से बनी रहे।

-रंग को साफ करने में जल्दबाजी न करें। क्योंकि रंग छुड़ाने में उसके छिलने, कटने आदि का डर रहता है।

-चीन से आए कलर का प्रयोग करने से परहेज करें। इसमें केमिकल का जमकर इस्तेमाल होता है।

-स्प्रे कलर से बचना चाहिए। इससे स्किन को काफी नुकसान पहुंचता है।

रंगों का असर

- हरे रंग में मौजूद कॉपर सल्फेट से आंखों में एलर्जी, सूजन अंधापन जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

-सिल्वर रंग का प्रचलन इन दिनों खूब हो रहा है। इसमें एल्युमीनियम ब्रोमाइड होता है। इससे स्किन के कैंसर का खतरा हो सकता है।

- लाल रंग में मौजूद मरक्यूरिक ऑक्साइड से स्किन कैंसर का खतरा होता है।

- पीले रंग में मौजूद ओरमिन से स्किन एलर्जी हो सकता है।

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वसूल रहे एक्स्ट्रा किराया

होली की वजह से पटना से खुलने

वाली बसें फुल चल रही हैं। सीट नहीं मिलने पर लोग खड़े-खड़े यात्रा करने को मजबूर हैं। इसका फायदा बस वाले उठा रहे हैं। तय किराया से 25 से 50 रुपए ज्यादा की वसूली पैसेंजर से हो रही है।

-180 की जगह लग रहा है 210

मीठापुर से दरभंगा जाने वाले यात्री अंकित ने बताया कि पटना से दरभंगा तक का प्राइवेट बस का किराया 180 रुपए है। लेकिन होली की भीड़ को देखते हुए मनमाना किराया वसूला जा रहा है। फुलपरास जाने वाले यात्री विजय ने बताया कि फुलपरास तक का किराया 260 रुपए है लेकिन 290 से 300 रुपए तक किराया वसूला जा रहा है। विरोध करने पर बस वाले टिकट देने से मना कर देते हैं।

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पटनाइट्स को भा रहा लखनवी चिकन

- 300 से 1500 तक के मिल रहे हैं कुर्ते -पायजामा

- चटक रंगों के साथ नए डिजाइन भी लोगों को भा रहे

होली को लेकर पटना में कपड़ों का बाजार सज गया है। लोगों को लखनऊ का फेमस चिकन कुर्ता खूब भा रहा है। कॉलर वाले कुर्ते और कॉलर में महीन डिजाइन भी पसंद किया जा रहा है। सब्जी बाग, हथुआ मार्केट, कंकड़बाग, राजा बाजार और मॉल में भी कुर्ते पायजामा की डिमांड बढ़ी है। बच्चों के लिए 300 से लेकर 2000 रुपए तक का कुर्ता पायजामा मिल रहा है।

यंगस्टर का भा रहा रंगीन कुर्ता

सब्जीबाग मार्केट में रेडीमेड कपड़ा व्यापारी फिरोज ने बताया कि यहां रंगीन कुर्ते, सफेद कुर्ते और लखनऊ के चिकनकारी कुर्ते उपलब्ध हैं। उन्होंने बताया कि जहां रंगीन कुर्ता यंगस्टर को पसंद आ रहा है तो वहीं, लखनवी कुर्ता सभी एज ग्रुप के बीच पसंद किया जा रहा है। ये पहनने में काफी हल्के और आरामदायक होते हैं।

बंडी की भी डिमांड

बाजार में अलग-अलग चटक रंगों में बंडी भी बाजार में उपलब्ध है। अंतर यह है कि मॉल्स में जहां बंडी की कीमत जहां हजार रुपए से शुरू होकर तीन से चार हजार तक है। वहीं, सब्जीबाग, कंकड़बाग जैसे मार्केट में यह 700 से लेकर दो हजार रुपए तक के रेंज में बेहतर मिल रहा है।

किसकी कितनी कीमत

- रंगीन कुर्ता पायजामा - 300 से 1000रुपये

- लखनवी चिकन - 400 से 1500 रुपये

- बंडी - 700 से 3000 रुपये तक