PATNA: पटना एम्स में पीजी की पढ़ाई आगामी जुलाई से शुरू होने के आसार नहीं है। ताजा स्थिति यह है कि नौ विभागों में पीजी की पढ़ाई के लिए कोर्सेज की अनुमति प्राप्त करने के लिए एम्स, नई दिल्ली को भेजा गया है। अनुमति के लिए संबंधित विभाग की सीटें एम्स, दिल्ली के पास लंबित है। वहीं, इसके लिए आवश्यक शर्तो के रूप में शिक्षकों की नियुक्ति का मामला भी अटका पड़ा है।

ये है नियम

किस विभाग में कितनी सीटें हैं, इस बात का खुलासा अभी नहीं किया गया है। लेकिन नियमों की बात करें तो जिन विभागों में एक प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर, और असिस्टेंट प्रोफेसर है, वहां तीन सीटों तक एडमिशन लिया जा सकता है। स्टैंडिंग एजुकेशन कमेटी के डायरेक्टर डॉ एसके सरीन मीटिंगा की अध्यक्षता में इसका निर्धारण किया गया है। एनीस्थिसिया सहित नौ विभाग शामिल हैं।

मात्र दो माह का समय

जानकारी हो कि अभी तक न तो सीटों के लिए अप्रूवल मिला है और न ही फैकल्टी की नियुक्ति की गई है। जबकि यदि जुलाई से सेशन शुरू करना है, तो मई तक शिक्षकों की नियुक्ति और पीजी की सीटें तय हो जाना चाहिए। इसके अलावा, फैकल्टी के लिए भी कोई सूचना नहीं है। एम्स का कहना है कि नौ विभागों को मिलाकर करीब ख्00 असिस्टेंट प्रेाफेसर, एसोएिशएट प्रोफेसर और प्रोफेसर की आवश्यकता होगी।

क्या होगी प्रक्रिया

मई से पीजी सीटों पर एडमिशन के लिए प्रक्रिया शुरू की जानी है। किस विभाग की कितनी सीटें एलॉट किया जाए, इसके बारे में स्टैंडिंग एजुकेशन कमेटी ने सीटें निर्धारित कर एम्स, दिल्ली को भेज दिया गया है। मई से ही चुकि सभी प्रक्रिया शुरू होना है। ऐसे में यह तय करना ही मुश्किल है कि जुलाई सेशन से ही पीजी के लिए एडमिशन लिया जा सकेगा। पटना एम्स के एकेडमिक डीन डॉ पीपी गुप्ता ने बताया कि एम्स के नियमों के मुताबिक दो सेशन होता है। एक जुलाई में और दूसरा अगले साल जनवरी में होता है। इस बार सब कुछ प्रक्रिया में ही है।

बाक्स में

इन विभागों के लिए पीजी सीटें होंगी

- आब्सट्रेटिक एंड गाइनोकोलाजी

- फार्माकोलाजी

- पैथोलॉजी

- सर्जरी

- बॉयोकैमेस्ट्री

- फिजियोलॉजी,

-एनीस्थीसिया

- नर्सिग और

- कम्यूनिटी मेडिसीन

इमरजेंसी सर्विस भी नहीं

एम्स पटना में एक लंबे अर्से से इमरजेंसी सर्विस के शुभारंभ की ओर सभी टकटकी लगाये हैं। लेकिन इसके लिए अब भी निर्माण कार्य लंबित है। सुपरीटेंडेंट डॉ उमेश कुमार भदानी ने कहा कि सीटी स्कैन की मशीन लगा दी गई है। सिर्फ इस सुविधा के आधार पर इमरजेंसी को शुरू नहीं किया जा सकता है।

सुविधाओं की होगी समीक्षा

हाल ही में पटना एम्स के नए डायरेक्टर का पद संभाल रहे डॉ पीके सिंह ने कहा कि एम्स में पेशेंट्स को मिलने वाली सुविधाओं की समीक्षा करेंगे। उसी के मुताबिक उसे बहाल करने के लिए प्राथमिकता दी जाएगी। उन्होंने भरोसा जताया कि जुलाई सेशन तक फैकल्टी नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी करने की बात कही।

अभी पीजी का अनुमित के लिए एम्स नई दिल्ली को भेजा गया है। अनुमति मिलने के बाद भी इन सभी कोर्सेज की पढ़ाई संभव है।

- डॉ पीपी गुप्ता, डीन एकेडमिक

अभी स्पेश कमी है। इमरजेंसी के लिए चौबीसो घंटे विशेष सुविधा देनी होगी। वर्तमान में अभी इनडोर के लिए पेशेंट के लिए सुविधाओं को बढ़ाना है।

- डॉ यूके भदानी, सुपरिेटेंडेंट एम्स, पटना