- इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में नई तकनीक से ऑपरेशन

- स्पाइन के ऑपरेशन के दौरान होने वाला रिस्क होगा कम

- प्रदेश में पहली बार हुआ ऑपरेशन का बड़ा प्रयोग

PATNA : अब एक होल से स्पाइन की बड़ी सर्जरी हो जाएगी और मरीज दो दिन में सामान्य रूप से चलने लगेगा। पटना के इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्था में न्यूरो सर्जरी विभाग ने इस तकनीक का इस्तेमाल शुरू किया है डॉक्टरों का कहना है कि बिहार का ये पहला सरकारी संस्थान है जहां स्पाइनल सर्जरी की आधुनिक तकनीक से ऑपरेशन किया जा रहा है।

- बड़ी सर्जरी में था बड़ा खतरा

स्पाइन सर्जरी काफी खतरनाक होती है और इसमें थोड़ी सी लापरवाही हुई तो इंसान हमेशा के लिए शारीरिक रूप से अक्षम हो सकता है। बाल जैसी पतली पतली नस में थोड़ी सी भी दिक्कत हुई शरीर का कोई न कोई अंग बेकार हो जाएगा। आधुनिक युग में भी अधिकतर अस्पतालों में ओपेन सर्जरी ही हो रही है जिसमें काफी रिस्क है।

- एम आई एस तकनीक से सर्जरी

इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान के न्यूरो सर्जरी विभाग में एम आई एस (मिनिमल इन्वेगिव स्पाइन सर्जरी ) की हाईटेक मशीनों को लगाया गया जिससे स्पाइन की सर्जरी काफी आसान हो गई है। अब डॉक्टरों को स्पाइन के फ्रैक्चर और अन्य गंभीर बीमारियों के ऑपरेशस बस एक होल से लेजर विधि से कर दिया जाएगा। इसमें स्पाइनल में नट बोल्ट लगाना और प्लेट डालने का भी काम आसानी से हो जाता है। डॉक्टरों का कहना है कि इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में इस नई और आधुनिक तकनीक से स्पाइन के जटिल से जटिल ऑपरेशन आसानी से हो जाएगी इसमें कहीं से भी कोई रिस्क नहीं होती है।

- फ्रैक्चर में होती थी दिक्कत

डॉक्टरों का कहना है कि सबसे अधिक मामले स्पाइन में फ्रैक्चर के आते हैं। ऐसे केस में जब ऑपरेशन की जरुर आती है तो समस्या बढ़ जाती है। जब बड़ा ऑपरेशन किया जाता है तो मरीजों को काफी परेशानी होती है। वह कई दिनों तक बिस्तर पर रहते हैं और उन्हें इस कारण अन्य कई बीमारी हो जाती है। ऐसे में नई तकनीक उनके लिए काफी कारगर और सुविधाजनक है।

- नई तकनीक से ऑपरेशन का ये होगा फायदा

- ऑपरेशन में रिस्क की सुविधा नहीं के बराबर होती है

- अस्पताल में अधिक दिनों तक मरीजों को नहीं रुकना पड़ता है

- एक होल से ऑपरेशन करने के बाद दो दिन में अस्पताल से छुट्टी हो जाती है

- ऑपरेशन के दूसरे दिन मरीजों को डॉक्टर चलने लायक बना देते हैं

- साधारण ऑपरेशन से थोड़ा सा महंगा पड़ता है एक होल से स्पाइन का ऑपरेशन

- बड़े ऑपरेशन में डॉक्टर फ् माह के लिए बेड रेस्ट की देते हैं सलाह

- एक होल से ऑपरेशन में नहीं करना पड़ता है इतना लंबा बेड रेस्ट

- थोड़ी सी सावधानी बरतते हुए मरीज चलने के साथ अन्य काम कर सकता है

एमआईएस तकनीक से एक होल से स्पाइन की जटिल सर्जरी की जा रही है। इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में कई केस किया गया है जिसमें मरीजों को दो दिनों में अस्पताल से छोड़ दिया गया। ये बिहार का पहला ऐसा सरकारी संस्थान है जहां इस तरह के हाईटेक स्पाइन ऑपरेशन किया जा रहा है।

- डॉ समरेंद्र सिंह, वरिष्ठ न्यूरो सर्जन

इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान

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