पटना (ब्यूरो)। मैट्रिक परीक्षा के पहले दिन दो केंद्रों पर परीक्षार्थी भाई-बहन बेहद विपरीत परिस्थिति में सुबकते हुए समय पर पहुंचे और धैर्य से दोनों पालियों में परीक्षा दी। पूछने पर कहा, पिता का सोमवार को बोकारो में सड़क दुर्घटना में निधन हो गया है। परीक्षा केंद्र आने के पहले तक उनका शव घर नहीं पहुंच सका था, लेकिन उन्हीं के सपनों को पूरा करने की खातिर परीक्षा नहीं छोड़ी। इनके पिता नवादा जिले के सुदूर प्रखंड मेसकौर अंतर्गत बिसिआईत पंचायत के लक्ष्मणपुर गांव निवासी बृजेश कुशवाहा थे, जिनकी मृत्यु झारखंड के बोकारो शहर में बीते सोमवार को सड़क दुर्घटना में हो गई थी। सूचना मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया, शव लाने के लिए परिवार के कुछ सदस्य बोकारो रवाना हो गए।

पिता का सपना करेंगे पूरा

इसी बीच, 14 फरवरी से बिहार बोर्ड की दसवीं की परीक्षा शुरू हो गई। सुबह तक शव घर नहीं पहुंचा था। दोनों बच्चे पिता का अंतिम दर्शन करने को लालायित थे, लिपटकर रोना चाह रहे थे, परंतु उसी क्षण पिता की कही बात याद आ गई कि हर हाल में पढ़ाई जारी रखनी है और अच्छे अंकों से परीक्षा पास करनी है। अंतत: पिता के अंतिम दर्शन की प्रतीक्षा छोड़ उनकी पुत्री मुस्कान कुमारी व पुत्र रितिक कुमार परीक्षा केंद्र के लिए सुबकते हुए निकल गए। सुबह साढ़े नौ बजे से मैट्रिक परीक्षा शुरू होनी थी। मुस्कान ने कहा कि वह पढ़-लिखकर पापा के सपनों को पूरा करेगी, वहीं भाई रितिक ने कहा कि पापा ने हमेशा पढऩे के लिए प्रेरित किया। मुस्कान जिले के रजौली के मथुरासनी महाविद्यालय एवं रितिक नवादा शहर के सत्येंद्र हाई स्कूल केंद्र पर परीक्षा में शामिल हो रहे हैं। शाम में घर लौटकर दोनों ने पिता के अंतिम दर्शन किए, तब उनका अंतिम संस्कार किया गया।

बोकारो में राजमिस्त्री का काम करते थे बृजेश

40 वर्षीय बृजेश कुशवाहा झारखंड के बोकारो में राजमिस्त्री का काम करते थे। सोमवार 13 फरवरी को अज्ञात वाहन ने उन्हें टक्कर मार दी। जिससे वे सड़क की दूसरी तरफ उछलकर गिर पड़े, दूसरी ओर से आ रही गाड़ी उन्हें रौंदते हुए निकल गई। मौके पर ही बृजेश की मौत हो गई।