पटना (ब्यूरो)। हमारे माता-पिता हमारे लिए कई सपने देखते हैं। कुछ बच्चे अपने माता-पिता के सपनों को पूरा करने की कोशिश करते हैं, तो कुछ अपने सपनों के सामने उनके सपने को भूल जाते हैं। लेकिन कुछ बच्चे ऐसे भी होते हैं, जो अपने अभिभावकों के सपने को पूरा करने के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर देते हैं और वह मुकाम पाते हैं, जहां उन्हें नाम-शोहरत सब कुछ मिलता है। यह कहना है राजधानी पटना के खेमनीचक निवासी नृत्यांगना बरखा कुमारी का।

छह साल की उम्र से सीख रही डांस
भाजपा क्रीड़ा प्रकोष्ठ द्वारा सम्मानित हुई बरखा ने बताया कि एक नृत्यांगना के तौर पर छह साल की उम्र से नृत्य सीखना शुरू किया। वे बताती हैं कि उनके पिता ने हमेशा उन्होंने डांस के लिए मोटिवेट किया। स्कूली शिक्षा के दौरान उन्होंने प्रसिद्ध नृत्यांगना अंजुला कुमारी से जबकि कथक उन्होंने पद्मश्री शोभना नारायण से सीखा। उसके बाद प्रयाग संगीत विद्यालय, इलाहाबाद विश्वविद्यालय से बीए किया। वहीं डांसिंग में मास्टर्स उन्होंने प्राचीन कला केंद्र, चंडीगढ़ विश्वविद्यालय से किया।

बच्चों को सिखा रही नृत्य
बिहार के विभिन्न महोत्सव के सांस्कृतिक मंचों से तालियां बटोर चुकी बरखा बच्चों को डांस की ट्रेनिंग दे रही है। वे बच्चों को कथक के अलावा बॉलीवुड डांस, हिप हाप, कंटेंपरी, फॉलक डांस, जुम्बा आदि का प्रशिक्षण दे रही है। साथ राजधानी के एएस कृष्णा निकेतन गल्र्स हाईस्कूल में डांस टीचर के रूप में सेवा दे रही है।