- इस बार श्री कृष्ण के जन्म के समय से खा रहा मेल

- माह, तिथि और वार के साथ चंद्रमा की स्थिति भी वही

- पांच हजार वर्ष पुराना संयोग लौटकर आया

- शुभ और फलदायी होगा दुर्लभ संयोग

PATNA: इस बार की जन्माष्टमी भगवान श्री कृष्ण के जन्म के संयोग को दोहराएगी। क्योंकि पांच हजार वर्ष पूर्व भगवान श्री कृष्ण के जन्म पर जो योग बना था वहीदुर्लभ संयोग इस बार भी बन रहा है। ज्योतिष विद्वान कृष्ण जन्मोत्सव पर पूजा उपासना कर सैकड़ों वर्ष बाद बन रहे अद्भुत संयोग का लाभ उठाने की बात कह रहे है। उनका कहना है कि ऐसे संयोग विरले ही मिलते हैं।

- इसलिए बना दुर्लभ संयोग

ज्योतिष विद्वान पं। हिमांशु मिश्र का कहना है कि श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि, बुधवार, रोहिणी नक्षत्र और वृषभ के चंद्रमा की स्थिति में हुआ था। ऐसा योग आज से भ्8 साल पहले क्9भ्8 में भी बना था। इस योग में ग्रहों की स्थिति ने श्री कृष्ण के जन्म को दोहराया था। एक बार फिर ऐसा दुर्लभ संयोग इतिहास को दोहराने जा रही है। ये भी कहा कि कृतिका नक्षत्र का काल 9 घंटे फ्ख् मिनट का होता है। मान्यता है कि भगवान का जन्म अष्टमी की रात्रि रोहिणी नक्षत्र के आरंभ काल के संयोग में हुआ था। केवल रोहिणी नक्षत्र की स्थिति में मामूली अंतर भर आया है नहीं तो सारी स्थिति वही है जिसमें भगवान ने जन्म लिया था।

- दुर्लभ संयोग का उठाएं पूरा लाभ

आचार्य योगेश पाण्डेय का कहना है कि ऐसा दुर्लभ संयोग जिस भी व्यक्ति के जीवन में पड़ रहा है वह काफी भाग्यशाली है। इस विशेष तिथि में की गई पूजा अर्चना से अभिष्ठ फल मिलता है। भगवान के जन्म को धूमधाम से मनाएं और व्रत के साथ पूजा उपासना करें। इससे ग्रहों के प्रतिकूल प्रभाव के जाल में जकड़े लोगों को तो विशेष लाभ होगा। ये स्थिति क्00 साल के बाद आएगी। इसलिए जिसके जीवन में इस बार संयोग बन रहा है वह दोबारा नहीं बनेगा। इस दिन किए गए दान-पुण्य आदि कमरें का विशेष फल प्राप्त होगा तथा सौभाग्य में बढ़ोतरी होगी।

- सूर्योदय के साथ अष्टमी का आगमन -

ख्भ् अगस्त को सूर्योदय के साथ ही अष्टमी तिथि का आगमन हो रहा है। अष्टमी तिथि ख्भ् अगस्त की रात 8.क्फ् बजे तक रहेगी। इससे पूर्व समय अष्टमी तिथि का प्रभाव रहेगा। इसके साथ ही मध्य रात्रि भगवान के जन्मोत्सव के समय रोहिणी नक्षत्र का भी संयोग बन रहा है। इससे श्री कृष्ण जन्माष्टमी भगवान कृष्ण के जन्म के समय बनने वाले संयोगों के साथ विशेष फलदायी रहेगी।