- लगातार 4 साल तक बिहार में रहेंगी महिला वैज्ञानिक

क्चङ्गन्क्त्र/क्कन्ञ्जहृन्: पानी के जहर आर्सेनिक से बिहार के ग्रामीणों को बचाने को लेकर महावीर कैंसर संस्थान, पटना के पहल पर स्वीट्जरलैण्ड की महिला वैज्ञानिक डॉ.जेनीनोफर ने जागरूकता अभियान चलाने का संकल्प लिया है। आर्सेनिक से ग्रामीणों को बचाने के लिए संकल्पित विदेशी महिला वैज्ञानिक लगातार चार साल तक बिहार के आर्सेनिक प्रभावित जिले के गांवों में जागरूकता अभियान चलाकर च्वच्छ पानी के सेवन को लेकर प्रेरित करेंगी।

पहुंची आर्सेनिक प्रभावित गांव

इसी कड़ी में मंगलवार को महावीर कैंसर संस्थान, पटना शोध संस्थान के प्रमुख एवं बिहार जल प्रदूषण विभाग के चेयरमैन डॉ.अशोक घोष के नेतृत्व में विदेशी महिला वैज्ञानिक डॉ.जेनीनोफर, वैज्ञानिक डॉ.अरूण कुमार, सहायक नेहा कुमारी एवं शोधार्थी शिशु केशी बक्सर जिला अ‌र्न्तगत आर्सेनिक प्रभावित गांवों में पहुंचे। वैज्ञानिकों के दल ने सबसे पहले आर्सेनिक प्रभावित तिलक राय का हाता के अलावा सिमरी के दो टोले में पंहुचकर ग्रामीणों से भेंट की। इसके पहले स्वीट्जरलैण्ड की संस्था स्वीज फेडरल इंस्च्ीच्यूट ऑफ इक्वाटिक से जुड़ी महिला वैज्ञानिक डॉ.जेनीनोफर ने सिमरी प्रखण्ड के आर्सेनिक प्रभावित गांवों में जाने से पहले विभिन्न समाचार पत्र के डुमरांव स्थित प्रतिनिधियों को अनुवादक की सहायता से संबोधित किया। विदेशी वैज्ञानिक डॉ.जेनीनोफर ने बताया कि पूरे विश्व में सर्वाधिक रूप बांग्लादेश के 65 फीसद नागरिक आर्सेनिकयुक्त पानी पीने को विवश थे। उन्होंने बताया कि बांग्लादेश में लगातार 10 सालों तक वहां के नागरिकों के बीच सरकार के सहयोग से समय-समय परच्स्वच्छ पानी पीने को लेकर अभियान चलाया गया। नतीजतन, काफी सुधार आया।

स्वच्छ पानी देने की व्यवस्था

इस मौके पर डॉ.महावीर कैंसर संस्थान के वैज्ञानिक डॉ.अरूण कुमार ने बताया कि संस्थान द्वारा तिलक राय के हाता में लगाए गए प्लांट से गांव के प्रत्येक परिवार को 25 लीटर प्रति दिच् स्वच्छ पानी प्रति माह एक सौ रुपये में उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है। बावजूद, अधिकांश गांव के ग्रामीण्च् स्वच्छ पानी पीने को लेकर सजग नहीं हैं। नतीजतन, आर्सेनिकयुक्त पानी पीने से खासतौर पर चर्म रोग के शिकार रोगियों की संख्या घटने के बजाए बढ़ रही है। उन्होंनें कहा कि प्लांट के बेहतर रख-रखाव को लेकर एक सौ राशि तय की गई। प्लांट के रख-रखाव की जिम्मेवारी ग्रामीणों को सौंपी गई है।