-राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की सीएम ने की समीक्षा, होगीजरूरत के अनुसार बहाली

PATNA: जो लोग चोरी-छिपे जमीन का व्यवसायिक यूज कर रहे हैं उनकी पहचान कर उन पर कामर्शियल टैक्स लगाया जाए। राजस्व विभाग से जुड़े सभी कर्मचारियों की बेहतर मॉनिट¨रग हो। विभाग में जरूरत के अनुसार पदों पर भर्ती की जाए ताकि काम की गुणवत्ता और प्रभावित नहीं हो। सीएम नीतीश कुमार ने मंगलवार को राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को यह निर्देश दिए।

साथ ही बेनामी जमीन की पहचान करने के आदेश दिए। सीएम ने कहा कि जमीन से जुड़े मूल कागजात अंचल कार्यालय में रखे जाएं। उसकी स्कैनिंग कराएं। ताकि रिकार्ड पूरी तरह से सुरक्षित रह सके। जो सीओ हैं उनका उपयोग विभागीय कार्य में ही अधिक किया जाए। उन्हें आपदा के कुछ कार्यो को छोड़कर अन्य कार्यो में नहीं लगाएं। लोक शिकायत निवारण कानून के अंतर्गत जमीन से संबंधित जो काम लंबित हैं उनका निपटारा तेजी से करें।

60 विवाद जमीन से जुड़े

सीएम ने कहा कि 60 परसेंट से अधिक अपराध के मूल में जमीन से जुड़े विवाद हैं। विकास का काम होने से जमीन की कीमत बढ़ी है। कुछ लोग जमीन की धांधली के काम में भी लगे हैं। हमारा उद्देश्य यह है कि जमीन से संबंधित विवाद को खत्म किया जाए। ऐसे उपाय किए जाएं कि जमीन के स्वामित्व में कोई गड़बड़ी नहीं हो सके।

रेवन्यू मैप्स की भी दी गई जानकारी

सीएम ने यह भी निर्देश दिया कि गंगा किनारे जो जमीन जिस जिले की है उसे संबंधित जिले को स्थानांतरित किया जाए। समीक्षा बैठक में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव विवेक कुमार सिंह ने एक प्रेजेंटेशन दिया। प्रेजेंटेशन मुख्य रूप से लैंड रिकार्ड, ऑनलाइन म्यूटेशन, स्पेशल सर्वे, अभियान बसेरा और ऑपरेशन भूमि दखल दहानी से संबंधित था। ऑनलाइन भू लगान, जमाबंदी, एलपीसी, परिमार्जन और ऑनलाइन रेवन्यू मैप्स की भी जानकारी दी गयी। मुख्य सचिव दीपक कुमार, विकास आयुक्त अरुण कुमार सिंह, राजस्व पर्षद के अध्यक्ष त्रिपुरारी शरण, गृह एवं सामान्य प्रशासन विभाग के अपर मुख्य सचिव आमिर सुबहानी, वित्त विभाग के प्रधान सचिव एस सिद्धार्थ आदि मौजूद थे।

अधिकारी जमीन समस्या ऐसे करें हल

-जमीन से संबंधित समस्याओं के समाधान के लिए महीने में एक बार डीएम और एसपी बैठक जरूर करें। ताकि लोगों की समस्याएं हल करने में आसानी हो।

-पंद्रह दिनों में एक बार एसडीओ और एसडीपीओ जरूर बैठक करें।

-सीओ और थानाध्यक्ष को सप्ताह मे एक दिन इस मसले पर बैठक करनी है। जो भी गड़बड़ी करे उस पर कार्रवाई की जाए।