- एफएसएल में होगी सिग्नेचर की जांच

- कबाड़ी कारोबारी पूरे गेम का निकला मास्टर माइंड

- मामला करोड़ों रुपए के फर्जी टेंडर घोटाला का

PATNA: 8.भ्म् करोड़ रुपए के इंटरमीडिएट एग्जाम की कॉपियों के फर्जी टेंडर घोटाला में शामिल होने से बिहार बोर्ड के पूर्व चेयरमैन लालकेश्वर प्रसाद और पूर्व सेक्रेटरी हरिहर नाथ झा ने इनकार कर दिया है.जबकि घोटाले में शामिल बोर्ड के स्टोर कीपर विकास सिंह ने अपने गुनाहों को कबूल लिया है। साथ ही विकास ने ये बयान दिया है कि फर्जी घोटाले में लालकेश्वर और हरिहर पूरी तरह से शामिल थे। फर्जी टेंडर की कॉपियों पर इन दोनों के ही सिग्नेचर हैं। इन दोनों के शह पर ही फर्जी टेंडर के काले कारनामे को अंजाम दिया गया है। फिलहाल तीनों पुलिस रिमांड पर हैं। एसआईटी इनसे पूछताछ कर रही है।

- हरिहर ने दिए थे डॉक्यूमेंट्स

विकास सिंह ने एसआईटी को बताया कि फर्जी टेंडर से जुड़े सारे डॉक्यूमेंट्स हरिहर नाथ झा ने ही उसे दिए थे। उन्होंने जैसे-जैसे करने को कहा, ठीक वैसे ही मैंने किया। इधर, विकास के दावे और लाल, हरिहर के इनकार का पता लगाने के लिए एसआईटी लाल और हरिहर के हैंडराइटिंग सैंपल लेगी। जिसका एफएसएल में मैच कराया जाएगा। इसके बाद सच्चाई सामने आ जाएगी।

- मास्टर माइंड निकला कबाड़ी कारोबारी

एसआईटी ने कबाड़ी कारोबारी राजकिशोर गुप्ता को भी रिमांड पर लिया है। पूछताछ में खुलासा हुआ कि फर्जी टेंडर के जरिए गुजरात से मंगाए गए करोड़ों रुपए की कॉपियों को ठिकाना लगाने में राज किशोर गुप्ता ने इंपॉरटेंट रोल निभाया है। पहले तो म् जिलों में एक-एक ट्रक कॉपियां इसने भिजवाई। फिर ख्फ् ट्रक कॉपियां ट्रांसपोर्ट नगर के एक गोदाम में रखवाया। ऐसा बताया जा रहा है कि गोदाम की कॉपियों को शातिर राजेश ने कहीं रद्दी में गलवा दिया है। जिसका एसआईटी पता लगा रही है।

- डीपीआरओ भी लपेटे में

राजकिशोर की जान-पहचान औरंगाबाद के डीपीआरओ जनार्दन प्रसाद अग्रवाल से थी। उसने पहले डीपीआरओ को कॉपियां रखवाने के लिए एप्रोच किया। फिर डीपीआरओ के कहने पर गिरफ्तार किए गए हम नेता अजय कुमार सिंह और एमयू के एकाउंटेंट ने कॉपियों को अपने पास छिपाने के लिए रखा था।

फर्जी टेंडर के शिकार हुए गुजरात की कंपनी के मालिक ने लालकेश्वर और हरिहर नाथ की पहचान की है। दोनों के हैंड राइटिंग सैंपल की एफएसएल से जांच कराई जाएगी।

मनु महाराज, एसएसपी, पटना