- नए कोर्स की मिलेगी सौगात

PATNA :

वर्ष 1946 से शिक्षा के क्षेत्र में लगातार प्रगति करते हुए मगध महिला कॉलेज अपनी स्थापना के 75वें वर्ष में प्रवेश कर गया है। 26 जुलाई को 75वें वर्षगांठ के मौके पर कॉलेज की ओर से 2020 का वेबिनार के माध्यम से हस्तक और प्रॉस्पेक्टस लांच किया गया। इस अवसर पर प्राचार्या डॉ। शशि शर्मा ने कॉलेज परिवार के सभी सदस्यों और पूर्ववर्ती छात्रों को शुभकामनाएं दीं। शशि शर्मा ने कहा कि कॉलेज के लिए साल 2020 काफी महत्वपूर्ण है। इस साल हम 75वें वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं। इन सालों में कॉलेज ने शिक्षा के क्षेत्र में देश और दुनिया में अपनी अमिट छाप बनाई है। हम चाहते थे कि स्थापना के 75वें वर्ष को शैक्षणिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के जरिये एक यादगार वर्ष के रूप में मनाएं। लेकिन कोरोनावायरस के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए ऐसे संभव नहीं हो पाया है। कोरोना काल की समाप्ति के बाद हमें उम्मीद है कि हम कॉलेज में कई नए कल्चरल और एकेडमिक एक्टिविटी का आयोजन होगा।

बता दें कि मगध महिला कॉलेज की शुरुआत 1938 में गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज के रूप में हुई थी और इसके बाद 1946 में मगध महिला कॉलेज के नाम से प्रदेश ही नहीं देश में अपनी पहचान बनाई।

नए कोर्स की मिलेगी सौगात

इस वर्ष कॉलेज द्वारा नए कोर्स खोलने की योजना है इसमें मल्टीमीडिया लैब, छात्रों के लिए 100 कंप्यूटरों के साथ नई ई-लाइब्रेरी, कॉलेज के शिक्षकों, कर्मचारियों और छात्रों के बच्चों के लिए न्यू डे केयर सेंटर, नया कॉलेज आंतरिक मुख्य द्वार और अनुसंधान कार्य के लिए उन्नत उपकरणों के साथ नई विज्ञान प्रयोगशाला की प्लानिंग की जा रही है।

इको फ्रेंडली है कॉलेज कैंपस

प्राचार्या ने बताया कि कॉलेज ने वेस्ट मैनेजमेंट के क्षेत्र में काफी काम किया है। कॉलेज कैंपस में नवीकरणीय ऊर्जा स्त्रोतों से बिजली बनाने और संरक्षित करने के लिए एक 100 किलो वाट सौर ऊर्जा प्रणाली स्थापित की गई है। कॉलेज में एक वाटर पार्क और एक एक्वेरियम का निर्माण इको सिस्टम को बढ़ावा देने के लिए बनाया गया है। वहीं भूमिगत जल स्तर को बनाए रखने के लिए वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का निर्माण किया गया है। इसके साथ ही यूजीसी द्वारा 16 सितंबर, 2011 को उकृष्टता ( सीपीई) और 2021 तक सीपीई की स्थिति को बनाए रखा है। कॉलेज प्रतीक जागृति, मैत्री और प्रगति मानव जीवन के गुणों और महिला सशक्तीकरण के मजबूत संदेश देते हैं। इस कॉलेज को उकृष्ट शिक्षा योगदान के लिए आईएसओ प्रमाणपत्र भी दिया गया है।

विदेशी भाषाओं की भी होती है पढ़ाई

प्राचार्य ने बताया कि कॉलेज में दो विदेशी भाषाओं जापानी और जर्मन की पढ़ाई की शुरुआत की गई है। अब बिहार की बेटियां हिंदी, भोजपुरी के अलावा जापानी और जर्मन भी सीख और बोल रहीं हैं। उन्होंने बताया कि जल्द ही हम तीन और नए कोर्स की शुरुआत करने वाले हैं। प्राचार्या ने पटना विश्वविद्यालय के कुलपति, बिहार के राज्यपाल, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का भी आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने समय-समय पर न सिर्फ कॉलेज के कार्यक्रमों में आकर कॉलेज परिवार का हौसला बढ़ाया बल्कि इसकी प्रगति में निरंतर अहम योगदान कर रहे हैं।