पटना (ब्यूरो)। शरीर में टूट-फूट के इलाज के लिए यदि आप बिहार के सबसे बड़े सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल एलएनजेपी हड्डी अस्पताल में इलाज के लिए जा रहे हैं तो बेशक जाइए लेकिन साथ में पर्याप्त कैश लेकर जाइए क्योंकि अस्पताल के डॉक्टर साहब जेनरिक दवा कम लिखते हैं। और जो दवा लिखते हैं वह प्रधानमंत्री जन औषधि केन्द्र पर उपलब्ध ही नहीं रहती। ऐसे में पेशेंट को बाहर से ही दवा खरीदनी पड़ती है। इतना ही नहीं, सरकार की ओर से फ्री मिलने वाली दवाओं की लिस्ट में आधे से अधिक दवा स्टॉक में नहीं है, ये कहकर स्टाफ पेशेंट को लौटा देते हैं। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की मुहिम अस्पताल मांगे इलाज के तहत हमारी टीम ने जांच-पड़ताल की तो सामने आया अस्पताल का सच। आज आप भी पढि़ए ये रिपोर्ट

करोड़ों के बजट के बाद भी लाभ नहीं
राजवंशी नगर स्थित लोकनायक जय प्रकाश नारायण सुपर स्पेशियलिटी हड्डी अस्पताल में एक हजार से बारह सौ पेशेंट प्रति दिन आउट डोर और इंडोर में इलाज के लिए आते हैं। जिसमें आउटडोर पेशेंट की संख्या अधिक होती है। यहां ओपडी, और सर्जरी के दौरान बड़ी संख्या में दवाइयों की जरूरत पड़ती है। सरकार की ओर से 5 से 10 करोड़ रुपए प्रति वर्ष दवाइयों व सर्जिकल आइटम के लिए बजट निर्धारित है। बावजूद पेशेंट को सुविधा नहीं मिल रही है।

लिस्ट में 76, उपलब्ध 40 से भी
कम
लोक नायक जयप्रकाश नारायण सुपर स्पेशियलिटी हड्डी अस्पताल में फ्री में मिलने वाली दवाओं की सूची प्रति दिन जारी की जाती है। रिपोर्टर ने जब जांच-पड़ताल की तो पता चला कि सूची में 76 दवाओं के नाम अंकित हैं जबकि स्टॉक में 40 दवा भी उपलब्ध नहीं है। जिस वजह से कैल्सियम और सर्दी, खांसी की दवा के अलावा कोई महंगी दवा इस काउंटर पर पेशेंट को नहीं मिल पाती है। फ्री दवा के काउंटर पर क्यू में लगे विश्वनाथ ने बताया कि डॉक्टर वहीं दवा लिखते हैं जो अस्पताल में मिलती ही नहीं है।

जेनरिक दवा भी उपलब्ध नहीं
एलएनजेपी कैंपस स्थित प्रधानमंत्री जन औषधि केन्द्र पर 200 से अधिक सर्जिकल दवाइयां उपलब्ध होने की बात कही जा रही है। तीमारदार पर्ची लेकर काउंटर पर पहुंचते हैं तो दवा उपलब्ध नहीं है ये कहकर लौटा दिया जाता है। अस्पताल के पेशेंट ने बताया कि या तो डॉक्टर साहब जेनरिक दवा लिखते नहीं हैं या फिर जन औषधि केन्द्र पर दवा उपलब्ध नहीं है।

दावा हर दवा की उपलब्धता का
लोक नायक जयप्रकाश नारायण सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के अधिकारी हर दवा की उपलब्धता का दावा करते हैं। लेकिन हकीकत कुछ और है। पेशेंट के परिजनों ने बताया कि सर्जिकल दवाइयों की कीमत बाजार में अधिक है इसलिए जन औषधि केन्द्र पर जाते हैं। दवा नहीं मिलने पर अधिक कीमत पर बाहर से दवा खरीदनी पड़ती है। अस्पताल की लचर व्यवस्था का परिणाम पेशेंट को भुगतना पड़ता है।

केस वन
दरभंगा से अपने पिता का इलाज कराने आए विनय ने बताया कि सिर में चोट लगने की वजह से यहां एडमिट कराए थे। लेकिन डॉक्टर साहब जा दवा लिख कर दिए। फ्री काउंटर पर पता करने पर स्टाफ ने बताया ये सब दवाइयां यहां नहीं मिलेगी।

केस 2
पटना के अशोक यादव ने बताया कि भाई के पैर में चोट लग गई। डॉक्टर साहब ने प्लास्टर के बाद छह दवा लिख दी। फ्री काउंटर पर गए तो सिर्फ दो दवा ही मिली। बांकी दवा खरीदनी पड़ी। जेनरिक काउंटर पर भी एक दवा नहीं मिली। ऐसे कई पेशेंट हैं जिन्हें बाहर से दवा लेनी पड़ती है।

फैक्ट फाइल
1-फ्री दवा की उपलब्धता
सूची के कई दवा उपलब्ध नहीं
2-पेशेंट के लिए स्ट्रेचर
स्टे्रचर तो दिखा लेकिन स्ट्रेचर मेन गायब रहते हैं
3- साफ-सफाई की स्थिति
गंदगी से भरा है अस्पताल, कैंटिन के पास जलजमाव
4-वेटिंग एरिया बैठने के लिए
ट्रामा सेंटर के आलावा कहीं बैठने की व्यवस्था नहीं
5-जेनरिक दवाओं की स्थिति
कई जेनरिक दवा भी उपलब्ध नहीं
6- एक्सरे जांच की स्थिति
एक्सरे जांच के लिए आठ से दस घंटे का लगता है वक्त
7- सिटी स्कैन की स्थिति
पीपीपी मोड में चालू स्थिति
8-व्हील चेयर की उपलब्धता
उपलब्ध होने के बाद समय पर पेशेंट को नहीं मिलता है व्हील चेयर
9- टॉयलेट की स्थिति
- साफ-सफाई की कमी
10- वातानुकूलित कक्ष स्थिति
- कई कमरों में एसी बंद

अधिकतर दवाइयां उपलब्ध है। रही बात पीएम जन औषधि केन्द्र की तो शिकायत नहीं मिली है। शिकायत मिलने पर जांच करवाएंगे।
डॉ। सुभाष चन्द्रा, निदेशक, एलएनजेपी हॉस्पिटल