पटना (ब्यूरो)। किताबों से दोस्ती बरकरार रखने के लिए पटना पुस्तक मेले में आए पाठक खर्च कर रहे हैं। गांधी मैदान में सजे स्टालों पर 20 रुपए से लेकर 20 हजार तक की किताबें उपलब्ध हैं। सबसे महंगी किताब Óभारतीय भाषाओं में रामÓ है। प्रकाशकों का कहना है कि पढ़ाकू किताबें खरीदने के दौरान पैसे खर्च करने को लेकर बहुत अधिक ङ्क्षचतित नहीं हैं।

वाणी प्रकाशन में सबसे महंगी किताब है। Óभारतीय भाषाओं में रामÓ की कीमत 19 हजार 999 रुपये है। यह चार खंडों में है। इस पुस्तक में मर्यादा पुरुषोत्तम के विषय में 26 भाषाओं में जानकारी दी गई है। यतींद्र मिश्र की पुस्तक Óअयोध्याÓ भी मेले में है। इसकी कीमत आठ हजार रुपये है। इस किताब में चित्रों के माध्यम से अयोध्या का वर्णन किया गया है। किताब Óअटल बिहारी वाजपेयी चयन संग्रहÓ को 45 सौ रुपये में खरीदा जा सकता है। पुस्तक में पूर्व प्रधानमंत्री के 1957 से लेकर 1962 तक के संसद के सत्रों में दिए गए वक्तव्य का संकलन है।

दिनकर की रचनावली 15 हजार रुपये में

राजकमल प्रकाशन के स्टाल पर दिनकर की संपूर्ण रचनावली उपलब्ध है। इसके 14 खंड हैं। कीमत 15 हजार रुपये है। सूर्यकांत त्रिपाठी ÓनिरालाÓ, हजारी प्रसाद द्विवेदी और हरिवंश राय बच्चन की रचनावली चार हजार रुपये में उपलब्ध है। इन रचनाओं को खरीदार भी मिल रहे हैं। इसके साथ नागार्जुन से फणीश्वर नाथ रेणु की रचनाएं दो हजार से तीन हजार रुपये तक में मिल रही हैं।

शिक्षा संबंध किताबों के भी खरीदार

प्रभात प्रकाशन में छह हजार रुपये की किताब उपलब्ध है। यह विनायक दामोदर सावरकर के जीवन पर आधारित है। दस खंडों की इस किताब की कीमत छह हजार रुपये है। इसी तरह 15 खंडों के दीनदयाल समग्र की कीमत भी छह हजार रुपये है। पेंग्विन रेंडम हाउस इंडिया में हैरी पाटर की नवीनतम बुक आई है। इसे खरीदने के लिए 2295 रुपये खर्च करने होंगे। यहां सबसे सस्ती किताब 65 रुपये की है। शिक्षा संबंध किताबें भी मेले में उपलब्ध हैं। यूजीसी की किताब 940 रुपये तो सामान्य अध्ययन, जेईई मेन गाइड एक हजार रुपये में उपलब्ध है।