खाना खाने के लिए लोग रहे परेशान

पटना जंक्शन पर भी लोगों को नहीं मिला खाना

PATNA : हेलो अरे, आज आप आई नहीं। हम खाना कैसे खाएंगे। दूसरी तरफ से जवाब आया कि आपको पता नहीं कि आज जनता क‌र्फ्यू है। आज हम खाना बनाने नहीं आएंगे। आप भी इस कफ्र्यू का समर्तन करें। ये वार्तालाप राजीव नगर के रोड नंबर 6 में रहने वाले एक किराएदार और खाना बनाने वाली बाई बीच की है। यह मामला सिर्फ एक जगह का नहीं, बल्कि पटना के कई इलाकों में रहा। मामला सिर्फ खाना बनाने वाली बाई तक ही नहीं रहा। यही हाल घरों में पहुंचने वाले दूध और कूड़ागाड़ी का भी रहा। वहीं कई लोग झाड़ू पोंछा के लिए भी परेशान रहे। हालांकि इसके बाद भी लोग कफ्यू के समर्थन में मुस्तैद दिखे। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन में देश की जनता से कोरोना वायरस को हराने के लिए 22 मार्च को जनता क‌र्फ्यू का एलान किया था। जिसके समर्थन में लोग अपने घरों से नहीं निकले। देश में फैल रही महामारी को रोकने के लिए लोगों ने परेशानी भूल सरकार का सहयोग किया।

इन्हें हुई परेशानी

बाहर के जिलों और प्रदेश से आकर पटना आकर नौकरी और मेहनत मजदूरी करने वाले जो खाने के लिए होटल या रेस्टोरेंट पर ही निर्भर हैं, ऐसे लोग वैकल्पिक व्यवस्था नहीं होने से जनता कफ्र्यू के दौरान परेशान रहे। उन्हें राजधानी में कहीं पर भी खाना नसीब नहीं हो सका। यहां तक कि चाय की भी दुकानें बंद थीं। लोगों को बिस्किट तक नहीं मिले। अक्सर पटना जंक्शन पर खाना मिल ही जाता है। कुछ लोग इसी उम्मीद में वहां पर भी पहुंचे, लेकिन वहां पर भी उन्हें निराशा हाथ लगी। वहीं जो लोग ट्रेन से पटना जंक्शन पहुंचे, वे भी खाना खाने के लिए परेशान दिखाई दिए।

नहीं गूंजी गाड़ी वाला आया की आवाज

जनता क‌र्फ्यू के मद्देनजर संडे को सुबह से ही शहर में सन्नाटा दिखा। इस दौरान डोर-टू-डोर कचरा कलेक्ट करने वाला गाड़ी का गाना गाड़ी वाला आया घर से कचरा निकाल कहीं सुनाई नहीं पड़ा। जनता कफ्र्यू के कारण पटना नगर निगम की सभी सेवाएं ठप रहीं। ऐसे में लोगों के घर का कूड़ा घर में ही रहा। घरों के बाहर गंदगी न फैले, इसके लिए लोग बाहर निकल कर कूड़ा फेंकने में भी डरे। लोगों ने कहा कि दुनिया में आतंक मचा रही कोरोनावायरस जैसी महामारी को रोकने के लिए हम इस परेशानी को झेलने के लिए तैयार हैं।

बाकरगंज की रहने वाली प्रिया ने बताया कि आज कचरे वाली गाड़ी नहीं आई, एक दिन का कचरा घर में ही रखना पड़ा। हालांकि कोरोना जैसी महामारी को रोकने को लिए हम इस परेशानी को झेलने के लिए तैयार थे।

वहीं पंजाबी कॉलोनी की रजनी शर्मा ने कहा कि देश को बीमारी से बचाने के लिए हमें एकजुट होते हुए काम करना चाहिए। छोटी-मोटी परेशानी को इग्नोर कर सभी को जागरूक करना चाहिए।