-इस बार परीक्षार्थियों को पेन नहीं मिला, छात्रों में था भ्रम

-सुरक्षा में थी ढील, परीक्षा में घड़ी व मोबाइल आदि रखने की छूट

PATNA: रविवार को राजधानी पटना में यूजीसी नेट की परीक्षा फ्ब् केन्द्रों पर संपन्न हो गई। जहां पिछले वर्ष अभ्यर्थियों को सीबीएसई की ओर से पेन उपल?ध कराया गया था, वहीं, इस बार ऐसा नहीं था। कई अभ्यर्थी बिना अनुदेश पढ़े ही परीक्षा कक्ष में पहुंच गए थे, इस कारण उन्हें दूसरों से पेन मांग या जल्दी से पेन की व्यवस्था कर परीक्षा देना पड़ा। यह हाल किसी एक सेंटर नहीं बल्कि कई सेंटरों पर ऐसी समस्या अभ्यर्थियों के बीच से आ रही थी। हालांकि परीक्षा शांतिपूर्ण तरीके से दो पालियों में संपन्न हो गया।

पेपर वन में फंसे छात्र

कालेजों में लेक्चरर बनने का लक्ष्य साधते हुए अभ्यर्थियों ने इस परीक्षा में हिस्सा लिया। इसमें कुल तीन पेपर थे, जिसमें पेपर वन सबसे कठिन था। यह क्वालीफाइंग है। इस पेपर वन में सबसे कठिन संप्रेषण और पर्यावरण के सवाल थे। जानकारी हो कि पेपर वन सबके लिए कॉमन था। जिसमें कुल म्0 सवाल में से किन्हीं भ्0 सवाल का हल करना था। छात्र टाइम मैनेजमेंट में भी फंसे। संप्रेषण के सवाल बेहद कठिन थे। पेपर वन में क्वालिफाई नहीं होने की स्थिति में अन्य दो पेपर नहीं जांचा जाएगा।

पेपर वन के सवाल ऐसे थे

मौखिक सूचना और संप्रेण में क्या अंतर है। सूचना समृद्धि क्या होता है। सत्त विकास से आप क्या समझते हैं। प्रदूषण और प्रदूषण के कारक और डिम्ड यूनिवर्सिटी की संकल्पना को बताये आदि जैसे सवाल थे। टीचिंग अप्टीट्यूड और रिसर्च बेस्ड सवालों की भी भरमार थी।

लगातार बढ़ रही है संख्या

नेट परीक्षा में छात्रों का क्रेज लगातार बढ़ रहा है। पहले इसके बारे में बहुत जानकारी नहीं थी। लेकिन अब न केवल अभ्यर्थियों में अवेयरनेस है बल्कि इसमें शिक्षण को एक बेहतर भविष्य के रूप में भी छात्र देखते हैं। इस बारे में कंकड़बाग निवासी और नेट परीक्षार्थी प्रमोद राउत ने बताया कि वे दो साल से परीक्षा दे रहे हैं। पहले महानगरों में यह परीक्षा ज्यादा होती थी, उस समय इसमें विषय भी सीमित थे, लेकिन अब इसमें विषयों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है।

ढील से छात्र ही हुए परेशान

परीक्षा शांतिपूर्ण तौर कदाचार रहित हो, यह जिम्मेवारी प्रशासन एवं संबंधित सेंटर के इनचार्ज की भी होती है। लेकिन संभवत: पहला मौका था, जब अभ्यर्थियों की जांच समुचित तरीके से किये बिना ही उन्हें परीक्षा कक्ष में बैठने दिया गया। परीक्षा के दौरान जब औचक निरीक्षण की गई, तो सभी से मोबाईल, पर्स, बेल्ड, घड़ी आदि बाहर रखाया गया। इससे परीक्षा के दौरान ही उनका ध्यान भंग हुआ।