पुरानी चीज को क्यों तोड़ा जा रहा?

छत उखाड़ दी गई है, दीवारों को तोड़ा जा रहा है। बाहर तो ईंट-पत्थर का ढेर सा लगा है। लिहाजा, बाहर से आने वाला हर कोई एक बार जरूर पूछ बैठता है कि इतनी पुरानी चीज को क्यों तोड़ा जा रहा? हालांकि पिछले कुछ सालों में एसएसपी पटना का चैम्बर अंदर से तो कई बार चमक चुका है, पर इस बार चारों ओर से बदलने की कवायद शुरू हो गई है।

1902 में बनी थी बिल्डिंग

एसएसपी का चैम्बर जिस बिल्डिंग में है, वह सौ साल से अधिक का हो चुका है। एसएसपी ऑफिस के पुराने स्टाफ की मानें, तो चौक थाना और एसएसपी चैम्बर की बिल्डिंग वर्ष 1902 में बनी थी। तब यह सार्जेन्ट मेजर का चैम्बर हुआ करता था। इसके बगल में एक और बड़ा सा हॉल है, जिसमें एसएसपी का लीगल सेल चलाता है वह कभी शास्त्रागार हुआ करता था। मतलब किसी भी मौके के लिए हथियारों का जखीरा रखा जाता था। आज भी लोहे के गेट और उसकी सील खिड़कियां यह बताती हैं कि यहां कभी कितनी तगड़ी सिक्योरिटी होती होगी। आईजी पटना के ऑफिस की बिल्डिंग का कंस्ट्रक्शन भी इसी दशक में हुआ था।

अब तक 44 एसएसपी

सीनियर एसपी के सक्सेशन बोर्ड पर नजर डाली जाए, तो 15 अगस्त से अब तक 44 सीनियर एसपी की पोस्टिंग पटना में हुई। इसमें आजादी के बाद पहले सीनियर एसपी सीएम झा से लेकर वर्तमान एसएसपी अमृत राज तक इसी चैम्बर में बैठकर क्राइम कंट्रोल की मॉनिटरिंग करते रहे हैं।

बनना था क्या, बन रहा क्या?

सीनियर एसपी पटना का ऑफिस बिल्कुल कारपोरेट लुक में बनना था। इसके लिए प्रपोजल क्या कहें, रुपए भी सैंक्शन कर दिए गए थे। इसकी नींव 5 अगस्त 2009 को रख दी गई। बिहार पुलिस बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कारपोरेशन के तत्कालीन सीएमडी अशोक कुमार गुप्ता ने इसकी नींव रखी थी। सिटी एसपी के रेसिडेंस के अंदर खाली पड़ी जमीन पर बनना था, पर तीन साल से अधिक होने के बाद भी यह आज तक फाइलों में ही जगह बदलते रहा है।

ऐसा होना था चकचक ऑफिस

- 19 करोड़ की लागत से जी प्लस फोर बिल्डिंग 2321 स्क्वायर मीटर में बननी थी।

- सेकेंड फ्लोर पर होना था एसएसपी का हाईफाई ऑफिस।

- सिटी एसपी, डीएसपी हेडक्वार्टर सहित आईटीआई, पीसीआर, पीआईआर की ऑफिस भी इसी बिल्डिंग में शिफ्ट करनी थी।

Report by : Rajan Anand