पटना (ब्यूरो)। बीपीएससी की 67वीं संयुक्त प्रारंभिक प्रतियोगिता परीक्षा के पेपर लीक मामले में रोज कुछ नए खुलासे हो रहे हैं। अब

जांच के दायरे में एनआइटी से पास आउट कुछ और युवक भी शामिल हो सकते हैं। जांच की कमान संभाल रही आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) की जांच में इसके संकेत मिले हैं। लोहानीपुर में कंट्रोल रूम चलाने वाले गिरोह के सरगना आनंद गौरव उर्फ पिंटू यादव भी एनआइटी से ही पास आउट है। फिलहाल वह फरार है, जिसकी तलाश में कई जिलों में छापेमारी की गई है।

जांच टीम बटोर रही है साक्ष्य

ईओयू सूत्रों के अनुसार, लोहानीपुर में जब्त उपकरणों व मोबाइल की जांच में कई एनआइटी से पास आउट युवकों से आनंद की निकटता की जानकारी मिली है। बीपीएससी परीक्षा से पहले और पेपर लीक की घटना के आसपास भी इन नंबरों पर आनंद और उसके गिरोह के सदस्यों से कुछ एनआइटी पास आउट युवकों की बातचीत हुई है। अभी जांच टीम इस दिशा में पूरा साक्ष्य बटोर रही है। संभव है, जल्द ही कुछ युवकों को पूछताछ के लिए भी बुलाया जा सकता है। इसको लेकर तकनीकी अनुसंधान जारी है।

स्कालर की भूमिका में हो सकते हैं छात्र

जांच टीम को शक है कि एनआइटी पास आउट युवकों का इस्तेमाल स्कालर के रूप में किया गया है। शक है कि गिरोह के सदस्यों ने वायरल प्रश्न-पत्र को साल्व करने के लिए इन युवकों की मदद ली है। इसके बदले में इन्हें मोटी राशि देने की बात भी आ रही है। इसके अलावा भी राजधानी के कुछ कोचिंग संचालक व युवकों के स्कालर की भूमिका निभाने की जानकारी जांच टीम को मिली है।

आइएएस अफसर के करीबी शिक्षक की मिल सकती है रिमांड

ईओयू की टीम जल्द ही आइएएस अफसर के करीबी शिक्षक कृष्णमोहन सिंह को रिमांड पर ले सकती है। कृष्णमोहन वैशाली के देसरी में शिक्षक है, जो आइएएस अफसर का गृह इलाका है। इसके अलावा बीपीएससी की तैयारी करने वाले निशिकांत राय और नाला रोड से गिरफ्तार किए गए साल्वर अमित सिंह से भी पूछताछ के लिए रिमांड की अपील कोर्ट से की जा सकती है। अभी तक जांच टीम ने कृषि विभाग के सहायक राजेश कुमार और औरंगाबाद निवासी सुधीर कुमार सिंह को रिमांड पर लेकर पूछताछ की है। दोनों आरोपितों की तीन दिन की रिमांड मिली थी, जो शनिवार को ही पूरी हो गई है। इसके बाद वापस दोनों को जेल भेज दिया गया है।