-जेलों को ईआरपी से जोड़ने वाला बिहार बना पहला राज्य

PATNA: बिहार देश का पहला राज्य है जहां सभी 56 जेलों का कामकाज कंप्यूटराज हो गया है। सभी जेलें पेपरलेस हो चुकी हैं। कैदियों के साथ-साथ जेल अफसरों, कर्मियों और सुरक्षाकर्मियों से संबंधित सभी जानकारियां सिस्टम पर अपलोड किया गया है और महज एक क्लिक से किसी भी कैदी या जेलकर्मी के बारे में पूरी जानकारी ले सकते हैं।

सभी जेल इआरपी से कनेक्ट

बिहार सरकार ने ई-प्रिजन योजना के तहत जेलों के कामकाज को पेपरलेस बनाने के लिए सभी जेलों को इंटरप्राइज रिसोर्स प्लानिंग (ईआरपी) प्रणाली से जोड़ दिया है। ज्ञात हो कि सरकार ने 2013 में ईआरपी सिस्टम शुरुआत पटना के आदर्श सेंट्रल जेल बेउर से की थी। यहां पायलट प्रोजेक्ट के रूप में अपनाया गया था। उसकी सफलता के बाद सरकार ने बिहार के सभी 56 सेंट्रल, मंडल और उपकाराओं में ईआरपी सिस्टम लागू कर दिया है। जेलों में इस सिस्टम लागू होने से अब किसी भी कैदी की उंगलियों के निशान, आंखों के रंग और उसकी आवाज के नमूने भी कंप्यूटर की एक क्लिक पर उपलब्ध होंगे।

ईआरपी सिस्टम को ऐसे समझें

ईआरपी प्रणाली के तहत जेल के गेट मैनेजमेंट, प्रिजन एकाउंट, कैदियों को जेल में काम करने के बदले मिलने वाला पारिश्रमिक, जेल की सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मियों के हथियार और उससे संबंधित डाटा और कैदियों के इलाज के लिए जेल हॉस्पिटल मैनेजमेंट भी पूरी तरह कंप्यूटराइज हो चुका है। इतना ही नहीं, अब जेल में किसी कैदी से मुलाकात करने वालों का पूरा ब्योरा भी ई-प्रिजन सिस्टम के तहत कंप्यूटर के माध्यम से एक क्लिक में उपलब्ध है।

बिहार देश का पहला राज्य बन चुका है जहां सभी जेलों में ईआरपी सिस्टम लागू है। इसके लिए राज्य की सभी 8 सेंट्रल, 37 मंडल और उपकाराओं में सभी कामकाज कंप्यूटर आधारित हो चुके हैं। इस सिस्टम के तहत न केवल जेलों में रहने वाले कैदियों की बल्कि जेलकर्मियों से लेकर जेल के सभी कामकाज की जानकारी एक क्लिक पर हासिल की जा सकती है।

-आनंद किशोर, जेल आइजी, बिहार