-चंपारण एग्रेरियन बिल 1918 के शत् वार्षिकी में बोले सीएम

-बिहार में नए सिरे से सर्वे और सेटेलमेंट के काम से अपडेट होंगे जमीन रिकॉर्ड

क्कन्ञ्जहृन्: अप्रैल से बिहार में भू-लगान और दाखिल खारिज की व्यवस्था ऑनलाइन हो जाएगी। यह आसानी से जानकारी मिल जाएगी कि कितना भू लगान बाकी है। अभी लोग कर्मचारी को ढूंढ़ते रहते हैं। पेमेंट गेटवे की उपल?धता के साथ यह काम शुरू होने से लोगों को सुविधा होगी। यह बातें सीएम नीतीश कुमार ने कही। वे विधान परिषद एनेक्सी में चंपारण एग्रेरेरियन बिल 1918 के सौ वर्ष आयोजित संगोष्ठी में बोल रहे थे।

जो गांव में रहेगा वहीं खेती करेगा

सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि ऐसा समय आ रहा कि बटाई पर खेती करने वाले लोग नहीं मिलेंगे। लोगों को वस्तुस्थिति ठीक से नहीं मालूम है। बटाई पर खेती करने वालों के बच्चे पढ़-लिख गए हैं और वे खेती करना नहीं चाहते। सवाल यह है कि कौन जमीन रखेगा। तह तक जाइए और निदान तक जाइए। गांव में जो रहेगा वही खेती करेगा। ये स्थिति आएगी पर इसके लिए धैर्य रखना होगा। पटना स्थित पाटलिपुत्र कॉलोनी की चर्चा करते हुए सीएम ने कहा कि 45 साल बाद आज उस कॉलोनी के बंगलों की स्थिति यह है कि वहां कोई रहने वाला नहीं है।

3 वर्ष में नए सिरे से सर्वे सेटलमेंट

उन्होंने कहा कि जमीन से जुड़े विवाद निपटाने के लिए नए सिरे से सर्वे और सेटलमेंट ही स्थायी समाधान है। 3 वर्ष में यह काम पूरा होगा। जमीन संबंधी विवाद सुलझाने के लिए जो भी कानूनी और व्यवहारिक काम है वह करेंगे।

गांधी विचार से बदलेगा समाज

सीएम ने कहा कि आजादी की लड़ाई में चंपारण सत्याग्रह की अहमियत की उपेक्षा हुई। जबकि इस आंदोलन के तीस साल बाद देश आजाद हो गया। इस आंदोलन की वजह से अंग्रेजों को झुकना पड़ा था। गांधी के आने मात्र से अंग्रेजों में हड़कंप मच गया था। सीएम नीतीश ने कहा कि 10-15 परसेंट युवा गांधी विचार से प्रेरित हो जाए तो समाज बदल जाएगा। इस देश और समाज को बदलने में बिहार की बड़ी भूमिका होगी।

बाजार की ताकतें कर रही शोषण

जबकि गवर्नर सत्यपाल मलिक ने कहा कि मैं तो डिग्नीफाइड जेल में हूं, सभी बातें बोल भी नहीं सकता। बाजार की ताकतें देश के किसानों का कम शोषण नहीं कर रहीं। गवर्नर ने कहा कि स्थिति यह है कि सिर्फ सात से आठ परसेंट किसान ही ऐसे हैं जिन्हें अपने उत्पाद का न्यूनतम समर्थन मूल्य ही मिल पाता है। शेष किसानों को तो अपने फसल बेचने की जल्दी रहती है। भारत का किसान पिछले सत्तर साल से हर दिन गरीब हो रहा है। उसकी क्रय क्षमता रोज घट रही है। चंपारण एग्रेरियन बिल 1918 की शत् वार्षिकी पर विधान परिषद एनेक्सी में आयोजित कार्यक्रम में गवर्नर सत्यपाल मलिक सभा को संबोधित कर रहे थे।

भारत में अगली कृषि क्रांति बिहार से

गवर्नर ने कहा कि इस बात को लेकर आश्वस्त हूं कि भारत में अगली कृषि क्रांति बिहार से ही होगी। उन्होंने कहा कि कृषि विश्वविद्यालयों के प्लाट में जितना अधिक उत्पादन होता है उतना उत्पादन किसान के खेतों में नहीं होता। उन्हें खुशी है कि राज्य सरकार ने कृषि का जो रोडमैप तैयार किया है उसमें इन बातों का ध्यान रखा गया है। गवर्नर ने सीएम से कहा कि चंपारण सत्याग्रह को नयी पीढ़ी तक पहुंचाने के कार्यक्रम का मैं गैरआधिकारिक हिस्सा भी होना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि चंपारण सत्याग्रह का महत्व यह है कि वह यहां आए थे मोहनदास करमचंद गांधी के रूप में और लौटे महात्मा गांधी होकर। आए थे निहत्थे और लौटे तो अ¨हसा का बड़ा शस्त्र दे गए। इस अवसर पर कई नेता और अफसर मौजूद थे।