-बिहार बोर्ड ने कसी नकेल, रोज निष्कासित हो रहे नकलची

-दूसरे के स्थान पर परीक्षा देने वालों की संख्या बढ़ी

PATNA: आपने पिछले सालों में बिहार बोर्ड एग्जाम में नकल का वायरस फोटो जरूर देखा गया। इस साल एग्जाम की सख्ती की वजह से ऐसी तस्वीरें नहीं दिख रही हैं। शिक्षा माफियाओं ने नकल कराने के एक दूसरा तरीका खोज निकाला है। हालांकि बोर्ड की सख्ती की वजह से वे इसमें लगातार नाकामयाब हो रहे हैं। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने आंकड़ों को खंगाला तो नकलचियों का नया तरीका पता चला। पेश है यह रिपोर्ट।

गया और सारण सबसे आगे

बिहार में चल रही मैट्रिक परीक्षा का सोमवार को पांचवा दिन है। प्रशासन और बिहार स्कूल एग्जामिनेशन बोर्ड की सख्ती की सख्ती की वजह से लगातार स्टूडेंट्स के सस्पेंशन की खबर सामने आ रही है। लगातार कई वर्षो से बदनामी झेलने के बाद बिहार बोर्ड की इस साल की परीक्षा में काफी सख्ती बरती जा रही है। इस सख्ती को देखकर अब नकल कराने के बदले टॉपर बनने का दूसरा तरीका अपनाया जा रहा है। इस साल एक दूसरे के स्थान पर परीक्षा देने वाले खूब पकड़े जा रहे हैं। गया और सारण जिले से सबसे अधिक स्टूडेंट्स सस्पेंड हो रहे हैं।

चल पड़ा स्कॉलर बिठाने का ट्रेंड

नकलचियों ने प्रशासन की नजर से बचने के लिए कदाचार का नया तरीका अपनाया है। अबतक स्कॉलर बिठाने के ट्रेंड सिर्फ नौकरी पाने वाली परीक्षाओं में था, लेकिन इस साल मैट्रिक में काफी स्कॉलर पकड़े जा रहे हैं। इन्हें पकड़ने तरीका है एडमिट कार्ड से फोटो का मिलान। अबतक पकड़े गए स्टूडेंट्स में आधे से अधिक एक दूसरे के बदले एग्जाम देने वाले हैं।

नालंदा में अधिक स्कॉलर

इस एग्जाम में सबसे अधिक चौकानेवाला तथ्य नालंदा जिला से सामने आया है। इस जिले को शिक्षा के मामले में बेहतर समझा जाता है। नालंदा से सबसे अधिक एक के बदले दूसरे के एग्जाम देने का मामला सामने आया है। यहां एक ही दिन में क्ब् परीक्षार्थियों को स्कॉलर बिठाने के जुर्म में पकड़ा गया।

जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई

हुई है। प्रत्येक ख्भ् परीक्षार्थी पर एक वीक्षक, भ्00 स्टूडेंट्स पर एक कैमरा और अंदर बाहर वीडियोग्राफी से यह एग्जाम काफी सख्त है। कदाचार करने वाले स्टूडेंट्स के साथ ढिलाई बरतने वाले पदाधिकारी पर भी कार्रवाई हो रही है। पिछले साल की तुलना में इस बार कम लोग पकड़े गए। इसकी वजह कड़ाई ही है। अब इतनी कड़ाई के साथ ही इवैल्यूएशन भी होगा।

- आनंद किशोर, अध्यक्ष, बिहार स्कूल एग्जामिनेशन बोर्ड

प्रशासन ने काफी सख्ती की है। बाहर क्00 मीटर तक लोगों को फटकने नहीं दिया जा रहा है। जो स्टूडेंट्स अपनी जगह पर किसी और को बिठा रहे उनपर ब्ख्0 का केस किया जा रहा है। उन्हें वीक्षक के द्वारा पकड़ा जाता है। पटना में भी कदाचार की कोशिश में पकड़े जाने पर म् महीने की जेल या ख् हजार रुपए जुर्माना या दोनों की सजा हो रही है।

- माधव कुमार, एसडीएम, पटना सदर