-नियमित शिक्षकों के वेतन के लिए 14 अरब रुपए स्वीकृत

क्कन्ञ्जहृन्: अब सरकारी सेवाओं में अनुसेवक, चपरासी या आदेशपाल जैसे शब्दों का यूज नहीं होगा। सातवें वेतन पुनरीक्षण के बाद बिहार सरकार की सेवाओं, पदों का वर्गीकरण किए जाने की वजह से समूह 'घ' के पद को खत्म कर दिया गया है। सरकारी सेवाओं में अब समूह 'क' से लेकर 'ग' तक के ही पद होंगे। इसके नीचे के पदों को अवर्गीकृत समूह में रखा गया है। चपरासी, अनुसेवक या आदेशपाल जैसे पद इसी अवर्गीकृत समूह में माने जाएंगे। इन पदों को अब कार्यालय परिचारी, परिचारी विशिष्ट के नाम से जाना जाएगा.मंगलवार को राज्य मंत्रिमंडल ने सामान्य प्रशासन विभाग के इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। मंत्रिमंडल ने पीएमसीएच में किडनी ट्रांसप्लांट का काम शुरू करने के लिए 88 नए पदों के सृजन की अनुमति भी दी है। कैबिनेट की बैठक में 20 प्रस्ताव पास किए गए। बाबा महतो साहब मेला को राजकीय मेला का दर्जा भी मिला है।

सोसायटी नियमावली 2018 मंजूर

राज्य सरकार ने प्रदेश के प्राथमिक और मध्य विद्यालयों में राज्य सरकार के अधीन स्वीकृत 66104 शिक्षकों के वेतन भुगतान के लिए 14.36 अरब रुपए स्वीकृत किए हैं। शिक्षा विभाग के प्रस्ताव पर विमर्श के बाद मंत्रिमंडल ने प्रस्ताव को मंजूरी दी है। कैबिनेट की बैठक के बाद प्रधान सचिव अरुण सिंह ने बताया कि प्रदेश के प्राथमिक और मध्य विद्यालयों में राज्य सरकार के अधीन 66 हजार से अधिक शिक्षक काम कर रहे हैं। इनमें नगर प्रारंभिक शिक्षक, प्रखंड और पंचायत शिक्षक हैं। वित्तीय वर्ष 2018-19 में इन शिक्षकों के वेतन के लिए नगर निकायों, पंचायत समितियों और ग्राम पंचायतों को सहायक अनुदान के रूप में 14.36 अरब रुपए स्वीकृत किए गए हैं। साथ ही मंत्रिमंडल ने पथ निर्माण विभाग में पूर्व से काम करने वाले 89 कनीय अभियंताओं को एक वर्ष के लिए पुनर्नियोजित करने की अनुमति भी है। सोसायटी रजिस्ट्रेशन नियमावली 1965 और 2015 को समाप्त करते हुए बिहार सोसायटी निबंधन नियमावली 2018 को मंजूरी दी गई है। किशनगंज में मात्सि्यकी महाविद्यालय के लिए अकादमिक व प्रशासनिक पदों समेत आधारभूत संरचना विकास के लिए 40.31 करोड़ मंजूर किए हैं।